ये भी पढ़ें कांवड़ यात्रा को लेकर विवाद बढ़ा, भाजपा विधायक को प्रशासन ने किया नजरबंद सज्जादानशीन ने की अपील दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह आला हज़रत के सज्जादानाशीन व तहरीक ए तहाफ़ुज़ ए सुन्नियत के सदर मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी “अहसन मियां” ने अपने बयान में कहा कि Eid-ul-Adha पर हलाल जानवर (ऊँट, भैस, दुंबा व बकरा) की क़ुर्बानी देना हर मालिके निसाब मुसलमान पर वाजिब है। इस वक़्त मुल्क़ के सूबे केरल में बाढ़ आई हुई है जिससे लाखों लोग बेघर हो गए हैं । उनकी मदद के लिए सभी लोगों को आगे आना चाहिए। क़ुर्बानी के चमड़े का पैसा सदक़ा किया जाता है। इसको गरीबों, यतीमों, बेवा, मस्जिद व मदरसों में दिया जाता है। इसके अलावा क़ुर्बानी के चमड़े को केरल में आई बाढ़ से परेशान हाल लोगों को भी भेजा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वाजिब क़ुर्बानी को छोड़ कर नफ्ली क़ुर्बानी की रकम से भी वहाँ के लोगों की मदद की जा सकती है।
ये भी पढ़ें दरगाह आला हजरत से जारी हुआ पैगाम, बकरीद पर ये काम बिलकुल न करें मुसलमान भाई चारे का पैगाम देता है ये त्यौहार सज्जादानशीन ने जारी बयान में कहा कि हमारे मज़हब और मुल्क़ की रिवायत भी यही रही है कि जब जब किसी पर मुसीबत आयी है तो सब साथ खड़े नजर आए है। ईद उल अज़हा का मक़सद भी यही है कि अल्लाह की राह में अपनी कीमती से कीमती चीज़ को भी क़ुर्बान कर दे। ये त्यौहार आपसी भाईचारे का पैगाम देता है।