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इस जिले में शिवपाल की दस्तक से सपा का गणित गड़बड़ाया, अखिलेश के सामने आयी ये मुसीबत

locationबरेलीPublished: Nov 20, 2018 02:31:44 pm

Submitted by:

suchita mishra

अखिलेश को नया जिलाध्यक्ष नहीं मिल पा रहा है।

बरेली। आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक दल तैयारियों में जुटे हुए है। वही बरेली में समाजवादी पार्टी की भंग चल रही जिला और महानगर कार्यकारिणी का गठन ही नहीं हो पाया है। 23 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष ने 23 अक्टूबर को सपा की दोनों कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। जिसके बाद से जिले में सपा को नए अध्यक्ष की तलाश है।
वीरपाल ने थामा शिवपाल का हाथ

जिले में सपा के करीब 21 साल अध्यक्ष रहे पूर्व सांसद वीरपाल यादव के समाजवादी पार्टी छोड़ने के बाद जिले की समाजवादी पार्टी में भूचाल आ गया था। वीरपाल ने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का दामन थाम लिया। वीरपाल के साथ उनके तमाम समर्थक भी शिवपाल यादव की पार्टी में शामिल हो गए। वीरपाल के सपा छोड़ने के बाद समाजवादी पार्टी के संगठन की बयानबाजी और पार्टी में मची भगदड़ न रोक पाने के कारण सपा की जिला कार्यकारिणी और महानगर कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था। जिलाध्यक्ष शुभलेश यादव और महानगर अध्यक्ष कदीर अहमद की टीम को भंग कर दिया गया था।
नई टीम के इन्तजार में नेता

जिले में कार्यकारिणी न होने की वजह से नेता अभी नई कार्यकारिणी बनने का इन्तजार कर रहें है। 23 अक्टूबर को भंग हुई कार्यकारिण के दोबारा गठन के लिए सपा नेता माथापच्ची कर रहे है लेकिन सपा के नए जिलाध्यक्ष की तलाश पूरी नहीं हो पाई है। नेताओं का मानना है कि जिले की कमान एक बार फिर यादव के हाथ में होगी जबकि महानगर अध्य्क्ष किसी मुस्लिम नेता को बनाया जाएगा। जिला और महानगर कार्यकारिणी के गठन में सपा के स्थानीय नेताओं की भी राय ली जाएगी। फिलहाल अभी जिले की समाजवादी पार्टी को अपने नए जिलाध्यक्ष का इन्तजार है।
ये हैं चुनौती
जिला और महानगर कार्यकारिणी भंग होने के बाद अब नेता जिलाध्यक्ष बनने के लिए जुगाड़ में जुटे हुए है। इन सबके बीच अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती यादवों को पार्टी से जोड़े रखने की है।ऐसे में किसी गैर यादव को जिलाध्यक्ष बनाना सपा के लिए आसान काम नहीं है। वीरपाल सिंह यादव सपा छोड़ कर शिवपाल यादव के साथ जा चुके है। वीरपाल यादव आंवला लोकसभा से चुनाव मैदान में उतरेंगे तो वही डीपी यादव की पत्नी उर्मिलेश यादव बदायूं से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। आंवला लोकसभा में तीन सीट बिथरी चैनपुर, आंवला और फरीदपुर बरेली जिले की है जबकि शेखूपुर और दातागंज विधानसभा बदायूं जिले का हिस्सा है और इस लोकसभा में यादव मतदाता किसी भी दल का खेल बिगाड़ सकते है।

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