मुसलमानों को भी अयोध्या में कार्यक्रम की अनुमति मिले मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि अयोध्या और उससे सटे कई गांवों और मोहल्लों से फ़ोन आ रहे हैं, वो लोग अयोध्या में बाहर से जुटने वाली भारी भीड़ से आशंकित है। 1992 में भी हिंसा के पीछे बाहरी भीड़ का ही हाथ माना जाता है ऐसे में मुस्लिम परिवारों में भय है। उन्होंने सरकार से कहा कि हुकूमत उनको ये विश्वास दिलाए कि उनके साथ कुछ ग़लत नहीं होगा। वहां पर भय के कारण कई परिवारों ने घर छोड़ दिया है ऐसी सूरत में केन्द्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अमन व शांति की बहाली के लिए कदम उठाए। और इस तरह के कार्यक्रमों की अनुमति न दें। उन्होंने कहा कि अगर हिन्दू संगठनों को अनुमति दी जा रही है तो मुस्लिम संगठन जेैसे तन्ज़ीम उलमा-ए-इस्लाम को भी अयोध्या में कार्यक्रम करने की अनुमति दी जाए।