इस्लाम से किया था खारिज निदा के खिलाफ दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से 16 जुलाई को फतवा जारी किया गया था। शहर इमाम खुर्शीद आलम ने फतवा मांगा था जिसके जवाब में मुफ़्ती अफजाल रिज़वी ने फतवा देते हुए निदा को इस्लाम से खारिज कर दिया गया था और उसका हुक्का पानी बन्द करने के आदेश दिए गए थे। यहां तक कि निदा खान से मिलने जुलने वालों को भी इस्लाम से खारिज करने की बात कही गई थी। निदा के बीमार पड़ने पर उसे कोई दवा नहीं देगा और मौत पर कोई भी नामज ए जनाजा में शामिल नहीं होगा, इसके साथ ही निदा को कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगा दी गई थी। निदा खान का कहना है कि उसके पति शीरान रज़ा के इशारे पर ही फतवा जारी हुआ था और फतवा जारी होने के बाद उसे और परिवार को जान का खतरा बढ़ गया है इसके साथ ही निदा खान ने कहा कि उसके खिलाफ फतवा उसके मौलिक अधिकारों का हनन है।