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बरेली

अगर वन विभाग कोशिश करता तो पहले भाग जाते जंगली हाथी, आधी अधूरी तैयारियों के बीच हाथियों से जूझ रहा वन विभाग

एक दिन रात में जब यह हाथी उत्तराखंड की सितारगंज सीमा में घुसे तो वहाँ के अधिकारियों ने ग्रामीणों के सहयोग से उन्हें रात में भगा दिया।

बरेलीJul 04, 2019 / 08:12 pm

jitendra verma

Forest Department failed to Escape wild elephant, try to continue

अगर वन विभाग कोशिश करता तो पहले भाग जाते जंगली हाथी, आधी अधूरी तैयारियों के बीच हाथियों से जूझ रहा वन विभाग

बरेली। नेपाल से रास्ता भटक कर बरेली पहुँचे दो जंगली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। जंगली हाथियों ने एक वन रक्षक समेत तीन लोगों पर हमला कर उनकी जान ले ली है। वन रक्षक की मौत के बाद वन विभाग में हड़कम्प मचा हुआ है और अब कई टीमें हाथियों को खदेड़ने की कोशिश कर रही हैं। बुधवार को शीशगढ़ इलाके में उत्पात मचाने के बाद जंगली हाथी गुरुवार को मीरगंज इलाके में पहुँच गए है जिसके कारण यहां पर एलर्ट घोषित कर दिया गया है।अगर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अफसर शुरू में ही हाथियों में रुचि लेते तो इन्हें पीलीभीत से ही आसानी से खदेड़ा जा सकता था। शायद यही वजह है जो वे अब अपने झुंड से बिछडऩे के बाद लगातार ख़ूँख़ार होते जा रहे हैं।
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Elephant , try to continue” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/04/img-20190704-wa0013_4794056-m.jpg”>पीलीभीत के रास्ते पहुँचे बरेली
पड़ोसी देश नेपाल की शुक्ला फाँटा सेंचुरी से पीलीभीत टाइगर रिज़र्व का क्षेत्र सटा हुआ है। ऐसे में अक्सर नेपाली हाथी व वन्य जीवों का इधर उधर आना जाना लगा रहता है। कई बार रेडियो कालर लगे गैंडे भी भारतीय सीमा में आ जाते हैं जो कई दिन रहने के बाद खुद ही वापस लौट जाते हैं। नेपाल से हाथियों का झुंड भी अक्सर शारदा नदी पार की गोरखडिब्बी आदि गाँव में आकर किसानों की फसलें बर्बाद करता है तो झोपड़ी तहस नहस कर वापस लौट जाता है। लेकिन पहली बार दो नेपाली हाथी झुंड से भटक कर पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के जंगल से होकर आबादी क्षेत्र में पहुँच गये। सबसे पहले इन्हें अमरिया क्षेत्र में देखा गया। जहाँ वे दो दिन तक रहे लेकिन इन्हें खदेडऩे के लिए न तो समाजिक वानिकी और न टाइगर रिज़र्व प्रशासन ने कोई रूचि ली। एक दिन रात में जब यह हाथी उत्तराखंड की सितारगंज सीमा में घुसे तो वहाँ के अधिकारियों ने ग्रामीणों के सहयोग से उन्हें रात में भगा दिया।
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Wild elephant , try to continue” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/04/img-20190704-wa0013_4794056-m.jpg”>तीन लोगों की ले चुके हैं जान

इसके बाद यह हाथी बरेली जिले की सीमा में प्रवेश कर गये और वहाँ एक गाँव में खेतिहर मजदूर को मौत के घाट उतार दिया। बहेड़ी इलाके से खदेड़े जाने के बाद हाथी पड़ोसी जिले रामपुर पहुँच गए जहां पर भी एक व्यक्ति को हाथियों ने मौत के घाट उतार दिया। बुधवार को शीशगढ़ के एक गाँव में पहुँचे हाथियों ने वन रक्षक हेमंत कुमार को पटक कर मार दिया। इस तरह यह हाथी तीन लोगों की जान ले चुके हैं लेकिन वन विभाग उन्हें खदेडऩे की दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रहा है।
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वन विभाग की लापरवाही आई सामने

शुरू में जब हाथियों ने बहेड़ी इलाके में पहला हमला किया तो वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से हाथियों को खदेड़ दिया जिसके बाद दोनों हाथी रामपुर की सीमा में दाखिल हो गए और जब वापस बरेली आए तो वन विभाग की टीम आधी अधूरी तैयारी के साथ हाथ में डंडा लेकर हाथी को खदेड़ने पहुँच गई जिसका नतीजा यह हुआ कि हाथी ने एक वन रक्षक को ही मार डाला। मौके पर मौजूद एसओ शीशगढ़ ने फायरिंग कर हाथियों को खदेड़ा नहीं तो हाथी और लोगों की भी जान ले सकते थे।
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हाथियों को खदेड़ने को लगी कई टीम

वन रक्षक की मौत के बाद अब पूरा वन विभाग का अमला सतर्क हो गया है और हाथी को खदेड़ने के लिए कई टीमें प्रयास कर रही हैं। हाथियों को खदेड़ने के लिए दुधवा के जंगल से हाथी भी मंगाए गए है। हाथियों को बेहोश कर भी ले जाया जा सकता है लेकिन इसके विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश में नहीं है इस लिए वन विभाग की पहली कोशिश यही है कि हाथियों को खदेड़ कर वापस नेपाल के जंगलों में भेजा जाए।

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