टाइगर रिजर्व से आया बाघ
बरेली के पड़ोसी जिले पीलीभीत में टाइगर रिजर्व हैं। वहां अक्सर भटक कर बाघ आबादी में आ जाते हैं। माना जा रहा है कि ये बाघ भी पीलीभीत टाइगर रिजर्व से भटक कर फतेहगंज पश्चिमी इलाके में जा पहुंचा है। शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री में शरण ली है। बाघ को पकड़ने के लिए रबड़ फैक्ट्री में पिंजरा लगाया गया है। जिसमें जानवर को रखा गया है। साथ ही जहां जहां पर बाघ के पग चिन्ह मिले है, वहां पर कैमरा लगाये गए हैं। इलाके में कुल 10 कैमरों से बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वन विभाग के अफसरों को भरोसा है कि जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा।
1200 एकड़ में है फैक्ट्री
वन विभाग के अफसरों के मुताबिक कई साल पहले बंद हुई रबड़ फैक्ट्री 1200 एकड़ में फैली हुई है। फैक्ट्री बंद होने के कारण यहां लोगों की आवाजाही नहीं है। फैक्ट्री ने एक छोटे जंगल का रूप ले लिया है। यहां पर नील गाय, काले हिरन और जंगली जानवर अच्छी खासी तादाद में हैं। यहां पर घने पेड़ और पानी की उपलब्धता भी है, जोकि बाघ के लिए पसंदीदा जगह है। इसलिए बाघ ने अपना ठिकाना यहां बनाया है। फिलहाल वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है।
वन विभाग के अफसरों के मुताबिक कई साल पहले बंद हुई रबड़ फैक्ट्री 1200 एकड़ में फैली हुई है। फैक्ट्री बंद होने के कारण यहां लोगों की आवाजाही नहीं है। फैक्ट्री ने एक छोटे जंगल का रूप ले लिया है। यहां पर नील गाय, काले हिरन और जंगली जानवर अच्छी खासी तादाद में हैं। यहां पर घने पेड़ और पानी की उपलब्धता भी है, जोकि बाघ के लिए पसंदीदा जगह है। इसलिए बाघ ने अपना ठिकाना यहां बनाया है। फिलहाल वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए प्रयास कर रही है।