Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नेपाल और बरेली के गैंग ने की थी कैबिनेट मंत्री के बेटे के सीए से 2.08 करोड़ की साइबर ठगी, गिरफ्तार

कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के बेटे के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

2 min read
Google source verification

बरेली। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता के बेटे के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) रितेश श्रीवास्तव से 2.08 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि यह अपराध नेपाल और कंबोडिया में सक्रिय एक गिरोह ने अंजाम दिया।

बरेली के बैंक खातों में भेजे गये थे 65 लाख रुपये

ठगी की रकम तीन अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई थी, जिनमें से एक खाता बरेली का और दो खाते कोलकाता के हैं। बरेली के खाते में ट्रांसफर की गई 65 लाख रुपये की रकम को अलग-अलग बैंक खातों में भेज दिया गया। गिरफ्तार आरोपियों में दो एजेंट और तीन खाताधारक शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दिव्यांशु (निवासी तिलक नगर, पटना) और पुलकित द्विवेदी (निवासी रानीपुर, मऊ) प्रमुख एजेंट हैं। वहीं, बरेली में जिन खातों का इस्तेमाल हुआ, उनके धारक संजीव कुमार (निवासी वीरपुर, मकरूका, भोजीपुरा, बरेली), उसका साला सुरजीत सिंह (निवासी इटउआ धुरा, बहेड़ी, बरेली) और विजय कुमार (निवासी डंडिया बीरम, नवाबगंज, बरेली) हैं।

नेपाल का सैम चलाता है गैंग

बरेली के खाता धारक संजीव ने पांच प्रतिशत कमीशन के लालच में अपने खाते का एक्सेस अपने साले सुरजीत के जरिए विजय को दिया। विजय ने एजेंट दिव्यांशु और पुलकित के निर्देश पर पैसा ट्रांसफर किया। इसके बाद पुलिस ने इन सभी पांचों को गिरफ्तार कर लिया।पूछताछ में एजेंटों ने बताया कि यह गिरोह नेपाल और कंबोडिया से संचालित होता है। गिरोह का मुख्य सरगना सैम (नेपाल का नागरिक) है। सैम ने ही मंत्री के बेटे के सीए को निशाना बनाया और धनराशि ट्रांसफर कराई। गिरोह के अन्य भारतीय एजेंटों ने भी कोलकाता के खातों में भेजे गए पैसों को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया।

12.22 लाख की फ्रीज की गई धनराशि

ठगी की कुल राशि 2.08 करोड़ रुपये में से केवल 12.22 लाख रुपये ही फ्रीज किए जा सके हैं। यह राशि कोलकाता के खातों में बची हुई थी, जबकि बरेली के खाते में जमा 65 लाख रुपये पूरी तरह से अन्य खातों में स्थानांतरित हो चुके हैं। पुलिस अब कोलकाता में इस्तेमाल किए गए खातों और उनसे जुड़े एजेंटों का पता लगाने में जुटी है।

13 नवंबर को हुई थी ठगी की वारदात

यह घटना 13 नवंबर को हुई, जब मंत्री के बेटे के सीए रितेश को एक अनजान व्हाट्सएप नंबर से मैसेज मिला। मैसेज में मंत्री के बेटे की डीपी लगी थी। ठग ने खुद को मंत्री का बेटा बताते हुए कहा कि वह एक महत्वपूर्ण मीटिंग में है और बिजनेस डील फाइनल कर रहा है। उसने तीन बैंक खातों के नंबर भेजकर उनमें 2.08 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने को कहा। सीए ने बिना पुष्टि किए उक्त खातों में रकम ट्रांसफर कर दी, जिसके बाद ठगी का यह बड़ा मामला सामने आया।


बड़ी खबरें

View All

बरेली

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग