क्या था मामला पिछले दिनों जलकल विभाग ने 66 ट्यूबवेल को ऑटोमेशन सिस्टम से जोड़ने के लिए 12 करोड़ के टेंडर निकाले थे। इस टेंडर के लिए पांच फर्म ने आवेदन किए थे, जिसमे से एक फर्म को अयोग्य बताते हुए बाहर कर दिया गया। चार फर्मों के आवेदन स्वीकृत करते हुए फाइनेशियल तकनिकी बीट खोल दी गई थी।इन फर्मों में दो के पास अनुभव प्रमाण पत्र नहीं था बावजूद इसके इन्हे टेंडर प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया। इस मामले में जलकल विभाग के महाप्रबन्धक और एक फर्म के ठेकेदार के बीच बातचीत का आडियो वायरल हुआ था जिसमे महाप्रबन्धक ठेकेदार से शिकायत वापस लेने की बात कह रहे थे । अधिकारी ने यह भी कहा कि वो माफिया अतीक अहमद को जानते है साथ ही उन्होंने ठेकेदार को हरिशंकर तिवारी के नाम का भी खौफ दिखाया।
जांच के बाद हुई कार्रवाई मामला सुर्ख़ियों में आने के बाद नगर आयुक्त और विजिलेंस ने इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इस दौरान जलकल विभाग के जीएम ने भी स्वीकार किया था कि नशे में फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने माफिया का नाम लिया था। इसके बाद नगर विकास अनुभाग तीन के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से जीएम जलकल को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया है।