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हनुमान जयंती 2019: इस बार बन रहे हैं विशेष योग, जानिए पूजा विधि और बजरंगबली को प्रसन्न करने वाले मंत्र

locationबरेलीPublished: Apr 18, 2019 02:54:57 pm

Submitted by:

jitendra verma

इस विशेष योग में हनुमान जी की पूजा, उपासना, व्रत करने का विशेष लाभ प्राप्त होगा।

बरेली। हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं। यह एक ऐसे देव हैं जिनकी उपासना हर वर्ग के लोग करते हैं, क्योंकि यह तत्काल फल देने वाले हैं। उनकी पूजा करने से कठिन से कठिन समस्या का समाधान शीघ्र होता है। अतः इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हनुमान जयन्ती के दिन इनका व्रत रखकर सर्वप्रथम श्रीराम दरबार की पूजा के उपरान्त हनुमान जी की पूजा षोडशोपचार विधि से करना चाहिए। बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा के अनुसार इस बार 19 अप्रैल दिन शुक्रवार को हनुमान जयन्ती होना विशेष है। इस बार एक विशेष बात यह भी है कि इस संवत्सर के राजा भी शनि हैं अपनी वक्री गति मेंआएँगे । इस समय इस विशेष योग में हनुमान जी की पूजा, उपासना, व्रत करने का विशेष लाभ प्राप्त होगा।
पूजन विधि

पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके लाल आसन पर बैठें, लाल धोती और ऊपर वस्त्र कोई चादर, दुपट्टा आदि डाल लें, अपने सामने छोटी चैकी पर लाल वस्त्र बिछा दें, अब तांबे की प्लेट पर लाल पुष्पों का आसन देकर हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करें, मूर्ति पर सिन्दूर से टीका कर लाल पुष्प अर्पित करें, मूर्ति पर सिन्दूर लगाने के पश्चात् धूप-दीप, अक्षत, पुष्प एवं नैवेध आदि से सविधि “षोडषोपचार पूजन ऊँ हनुमतः नमः” मंत्र से करें। नैवेध में गुड़, भीगा चना आदि रखें। सरसों या तिल के तेल का दीपक एवं धूप जला दें, फिर यथा शक्ति अनुसार मंत्रों का जाप आदि करें।
इस मंत्र और नामों का करें जाप

इस दिन जीवन में अभावों, कष्टों के निवारणार्थ हनुमान जी के निम्न द्वादश नामों का स्मरण 51 बार करें हनुमान, अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, रामेष्ट, फाल्गुन सखा, पिंगलाक्ष, अमित विक्रम, उदधिक्रमण, सीताशोक विनाशन, लक्ष्मण प्राण दाता और दशग्रीवदर्पहा। घर-परिवार में सुख-शान्ति के लिए इस दिन तुलसीकृत श्री राम चरित मानस के सुन्दर काण्ड का या हनुमान चालीसा का पाठ 51 बार करना चाहिए। शनि के अनिष्ट प्रभावों से मुक्त होने के लिए हनुमान जी की मूर्ति के पैरों में लाल सिन्दूर को अक्षत मिश्रित कर ”ओम श्री रामदूताय नमः“ जपते हुये चढ़ाना चाहिए, लवंग से बनी माला बनाकर चढ़ायें, बाद में इसी मंत्र का 101 बार जाप करें।
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