1. राज्यपक्ष से बाधा समापन के लिए होलिका दहन से पहले स्थान पर सात आक की जड़ के टुकड़े लेकर जाये और होलिका के उल्टे फेरे आरम्भ करें। प्रत्येक फेरे की समाप्ती पर आक की जड़ का एक टुकड़ा होली में फेके। इस उपाय से राज्यपक्ष से मिलने वाली समास्या का समापन होगा।
2. यदि बार-बार आर्थिक हानि हो रही हो तो होलिका दहन की शाम को अपनी मुख्य द्वार की चैखट पर दो मुखा आटे के दीपक पर लाल गुलाल छिड़क कर जलाकर रख देना चाहिए, दीपक जलने के साथ ही मानसिक रूप से अपनी आर्थिक हानि रोकने की प्रार्थना करनी चाहिए जब दीपक ठंडा हो जाये तो उसे जलती होली पर रख आना चाहिए।
3. अधिक बीमारी की स्थिति में होली रात्रि में चार अभिमंत्रित गोमती चक्र लेकर अपने दायें हाथ की मुट्ठी में बांधकर अपने व्यक्ति की बीमारी से मुक्ति की प्रार्थना करते हुए 11 परिक्रमा करें। एक जोड़ा लौंग, दो पान के पत्ते और थोड़ी सी मिश्री अर्पित करें तथा गोमती चक्र लाकर चाँदी के तार में पीड़ित के पलंग के चारों पायों से बांध दें।
4. यदि किसी व्यक्ति पर किसी प्रकार भय का साया हो तो होली पर एक नारियल, एक जोड़ा लौंग, थोड़े से काले तिल व पीली सरसों को पीड़ित के ऊपर से 21 बार उसारकर होली की अग्नि में डाल दें।
5. होली दहन के अगले दिन अपने इष्ट देव को गुलाल अर्पित कर अपने निवास के ईशान कोण पर पूजन कर गुलाल अर्पित करें ऐसा करने पर निवास के वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है।
6. आर्थिक लाभ के लिए होली की रात्रि में चन्द्रोदय होने के बाद छत पर जाकर चन्द्र देव का स्मरण कर शुद्ध घी के दीपक के साथ धूप बत्ती व अगर बत्ती अर्पित कर कोई भी सफेद प्रसाद तथा साबूदाने की खीर अर्पित करें। अपने निवास में शान्ति के साथ स्थाई आर्थिक समृद्धि की प्रार्थना करें बाद में बच्चों को प्रसाद बांटे ऐसा करने पर कुछ ही दिनों में लाभ का अनुभव होगा।