घर से निकाल दे दिया तलाक
सुभाषनगर की रहने वाली गुलजारा बी ने बताया कि 30 दिसंबर 2007 को उसका निकाह किला के बाकरगंज हुसैनबाग निवासी मुहम्मद अशरफ पुत्र मुहम्मद शमीम से हुआ था। उनके ससुर और पति सऊदी में सिलाई का काम करते हैं। आरोप है कि शादी के बाद से कम दहेज का ताना देकर ससुराल वाले उन्हें प्रताड़ित करते थे। प्रताड़ना की हद पार हुई तो 2011 में उन्होंने थाने में मामला दर्ज कराया। फंसने के डर से पति व ससुरालियों ने उन्हें तलाक देने की धमकी, दोबारा परेशान नहीं करने की बात कहकर समझौता कर लिया। कुछ महीने तो सब ठीक रहा, लेकिन उसके बाद फिर उन्हें परेशान किया जाने लगा। एक साल पहले पति सऊदी से वापस लौटा और बाकरगंज में सिलाई का काम करने लगा। इस दौरान पति समेत ससुरालियों ने रुपए के लिए उससे मारपीट शुरू कर दी। बीती 14 अक्टूबर को रात 11 बजे पति का फोन आया और गाली-गलौच करते हुए फोन पर तीन तलाक दे दिया। गुलजारा का एक छह साल का बेटा भी है। गुलजारा के पिता का कहना है की तीन तलाक़ पर कानून जरूर बनना चाहिए।
परामर्श केंद्र पहुंचा मामला
गुलजारा ने इसकी शिकायत एसएसपी ऑफिस में की। एसएसपी ऑफिस में सुनवाई कर रहे सीओ जगमोहम बुटोला ने मामले की जांच के आदेश कर दिए है और मामला परिवार परामर्श केंद्र भेज दिया है।
पति ने कहा, मायके में रहना चाहती है बीवी
गुलजारा के पति का कहना है कि उसने अपनी पत्नी को फोन पर तलाक़ दिया है। उसका कहना है कि पत्नी अपने मायके में रहना चाहती है और वो उसे अपने साथ अपने घर में रखना चाहता था।
पहले भी आए मामले
बरेली में हाल ही में फोन पर तलाक़ देने का एक और मामला सामने आ चुका है। उससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धन्यबाद रैली में जाने पर एक महिला को तलाक़ दे दिया गया था।