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बरेली

आईजी रेंज राकेश सिंह ने संभाला था मोर्चा, गांव-गांव गली, गली भेजे गए मुखबिर तो पकड़ा गया साइको किलर

सीरियल किलर की ताबड़तोड़ वारदातों से शाही शीशगढ़ क्षेत्र में दहशत का आलम ये था कि लोगों की रातों की नींद गायब हो गई थी। एक के बाद एक साल में दर्जन पर महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया। जिला पुलिस के नाकाम होने पर आईजी रेंज डॉक्टर राकेश सिंह ने मोर्चा संभाला।

बरेलीAug 10, 2024 / 12:22 pm

Avanish Pandey

बरेली। सीरियल किलर की ताबड़तोड़ वारदातों से शाही शीशगढ़ क्षेत्र में दहशत का आलम ये था कि लोगों की रातों की नींद गायब हो गई थी। एक के बाद एक साल में दर्जन पर महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया। जिला पुलिस के नाकाम होने पर आईजी रेंज डॉक्टर राकेश सिंह ने मोर्चा संभाला। उन्होंने बेसिक पुलिसिंग को एक्टिव कर गांव-गांव और गली-गली मुखबिर तंत्र को अलर्ट किया। इसके अलावा सिपाही गांव के चौकीदारों को अलर्ट कर इसकी जिम्मेदारी सौंपी। मुखबिर तंत्र की वजह से ही साइको किलर पुलिस के हत्थे चढ़ा।
फेल हो गई थी पुलिस की जांच और कुलसी की मॉडर्न तकनीक

पुलिस की जांच के अत्याधुनिक संसाधन सर्विलांस, फोरेंसिक व डाग स्क्वायड फेल हो चुके थे। इसके बाद आईजी ने इस पूरे मामले को लेकर खुलासे की पटकथा तैयार की उन्होंने गांव के मुखबिर तंत्र को अलर्ट किया और खुद जाकर गांव-गांव में लोगों से बातचीत कर पंचायतें की। अधीनस्थ अफसरों को भी निर्देश दिए कि वह 25 किलोमीटर के दायरे के सभी गांव में लोगों से सीधे संपर्क स्थापित करें।
  • पूरे क्षेत्र की ड्रोन से शुरू हुई निगरानी, बीट सिपाही तक घर- घर पहुंचे
  • दहशत के माहौल पर गांव-गांव व नुक्कड़ पर चला जागरूकता कार्यक्रम
इन बिंदुओं पर पुलिस ने किया काम, मिली सफलता
  • बीते दस साल में महिलाओं की हत्या में शामिल आरोपितों को सूचीबद्ध किया गया।
  • स्थानीय स्तर पर मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।
  • शाही, शीशगढ़ के साथ शेरगढ़, फतेहगंज पश्चिमी, मीरगंज एवं देवरनिया को अतिरिक्त फोर्स दिया गया।
  • फेरी लगाने वालों, पान-खोखों वालों से सूचनाएं लीं गई।
  • झाड़-फूक, टोना टोटका करने वालों की सूची तैयार कर सतत निगरानी की गई।
  • पेट्रोलिंग बढ़ाई गई।
  • ड्रोन कैमरों से नदियों के किनारों, निर्जन स्थानों एवं घने जंगलों तक कांबिंग की गई।
  • हल्का प्रभारी, बीट आरक्षी को सूचना संकलन के लिए सतर्क किया गया। गांव-गांव व मुहल्लों में चौपाल व
    कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रम शुरू कराए। इसी के बाद से पुलिस के पास संदिग्धों के इनपुट आने शुरू हुए और जांच की कहानी आगे बढ़ी।
600 नए कैमरे लगवाए गए। कुल्छा को केंद्र बिंदु मान पूरे 25 किलोमीटर क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी कराई।

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