दरगाह आला हजरत से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि जुलूस अपने कदीमी रास्तों कोहाड़ापीर से चलकर कुतुबखाना, कोतवाली, नोवेल्टी चौराहा, इस्लामिया स्कूल, बिहारीपुर ढाल के रास्ते दरगाह आला हजरत पर पहुँचकर खत्म हुआ। इसके पहले कोहाड़ापीर पर मंच पर कारी गुलाम यासीन ने तिलावत ए कुरान की। दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां की दस्तार बंदी अंजुमन खुद्दामें रसूल के शान रज़ा, कासिम कश्मीरी व आरिफ उल्लाह, कैफ़ी उल्लाह ने कर जोरदार इस्तकबाल किया। ठीक 5 बजकर 5 मिनट पर सैयद शबाब हुसैन को सुब्हानी मियां ने परचम सौंप कर जुलूस को रवाना किया ।