बरेली

बर्मा सरकार के खिलाफ हजारों की संख्या में सड़क पर उतरे मुसलमान, पीएम से की बड़ी मांग

रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार को रोकने की मांग की

बरेलीSep 15, 2017 / 09:12 pm

Santosh Pandey

rohangiya muslim

बरेली। बर्मा में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हजारों की तादात में मुसलमान सड़कों पर उतरे और बर्मा में हो रहे अत्याचार पर रोक लगाने की मांग की। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के आहृवान पर जुमे की नमाज के बाद जिले के तमाम मुसलमान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए इस्लामिया मैदान में एकत्र हुए जहां पर तौकीर रजा ने उन्हें सम्बोधित किया और भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिला प्रशासन के अफसरों को दिया।ज्ञापन की एक कॉपी यूएनओ को भी भेजी गई है।
इस अवसर पर तौकीर रजा ने कहा कि म्यांमार में वर्षों से रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार ने अब भयंकर रूप ले लिया है। रोहिंग्या मुसलमान वहां वर्षों से रह रहे है लेकिन वहां की हुकूमत उन्हें गैर कानूनी रूप से बंगाल से आया हुआ मानती है। म्यांमार हुकूमत ने उन्हें अपना नागरिक मानने से इनकार कर दिया है। उन्हें वोट देने का हक नही है,वो सरकारी नौकरी नही कर सकते, अगर इन पर कोई जुल्म होता है तो ये एफआईआर नही दर्ज करा सकते। आखिर सैकड़ों वर्ष से रहने वाले इन शोषित मुसलमानों को वहां की सरकार ने नागरिकता और अन्य मौलिक अधिकारों से क्यो वंचित रखा है। जबकि यह लोग वही पैदा हुए, वही पले बढ़े और वही उनका वतन है जबकि हमारे वतन को आजाद हुए 70 साल हो चुके है आजादी के बाद हजारो शरणार्थी बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत आए उनको हमारे देश न केवल नागरिकता दी बल्कि अन्य सभी सुविधाएं देकर मानवीय संवेदनाओं का परिचय दिया है तो म्यांमार की हुकूमत ऐसा क्यों नही कर सकती।
मानव अधिकार संगठनों की रिपोर्टों और सेटेलाईट से ली गयी तस्वीरों से जाहिर होता है कि रोहंगिया मुसलमानों के घरों को तबाह कर दिया गया है। लाखों लोगों को कत्ल कर जला दिया गया। हजारों औरतों और लड़कियों की इज्जत लूट कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।वहां पर बच्चों को मारा जा रहा है। बर्मा लहू-लुहान हो रहा है। इंसानियत शर्मिंदा है। यहां तक कि अंतराष्ट्रीय कानून का पालन भी नही किया जा रहा है। हजारों औरतें बेवा और बच्चे यतीम हो यतीम हो गए है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो सूचनाएं आ रही है उसके मुताबिक लगभग 10 लाख रोहंगिया मुसलमान बंगलादेश, ईरान और अन्य देशों में शरणार्थियों का जीवन जीने को मजबूर है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि इस जुल्म और सितम पर संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपियन और अरब देश खामोश है कोई सकारात्मक कार्य नही किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ की खामोशी से इस अंतराष्ट्रीय संघ की प्रतिष्ठा और वजूद प्रभावित हो रहा है। ज्ञापन में उन्होंने देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मांग की है कि देश की हुकूमत म्यांमार की हुकूमत पर दवाब बनाकर रोहंगियावासियों की समस्या का समाधान कराए।

Home / Bareilly / बर्मा सरकार के खिलाफ हजारों की संख्या में सड़क पर उतरे मुसलमान, पीएम से की बड़ी मांग

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.