बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) प्रतिभा सिंह ने बताया कि बच्चों के लिए अनुपूरक आहार बहुत जरूरी है । 6 माह पूरा होने के बाद बच्चे को मसला हुआ आहार जैसे गाढी दाल, अंडा, दही, दलिया, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां या पीले फल दिन में दो बार आधी-आधी कटोरी दे। पूरक आहार शुरू करने से बच्चे का शारीरिक , मानसिक विकास तेजी से होता है। इससे बच्चों को महत्वपूर्ण तत्व जैसे प्रोटीन एवं विटामिन मिलते है जो मांसपेशियों को बढ़ाते हैं और स्वस्थ रखते हैं । जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है शरीर का आकार बढ़ता है और शरीर के लिए अधिक आहार की आवश्यकता होती है ऊपरी आहार से बच्चा चुस्त तंदुरुस्त रहता है , स्वस्थ रहता है और बीमारियों से बचा रहता है। यह आहार रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी बहुत कारगर होता है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव श्रीवास्तव ने आशा, आंगनवाड़ी, एएनएम को बताया कि स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं के बारे में आपको समय समय पर बताया जाता है । इन विषयों को जितना चिंतन करेंगे उतना ही याद रहेगा उतना ही आप लोगों को समझा पाएंगे। बीसीपीएम मनोज कुमार ने बताया कि हम सबका उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाना है । वायरस और बैक्टीरिया एक विनाश का कारण बन सकता है। हम मच्छरों को पनपने से रोक सकते हैं लोगों में जागरूकता फैलाएं की स्वच्छता बनाए रखें ताकि ऐसी बीमारियां न घेरें जो महामारी का रूप ले सकेl