सामरिक दृष्टि से बरेली बहुत महत्त्वपूर्ण है। यहां पर आईटीबीपी, बीएसएफ कैम्प होने के साथ ही त्रिशूल एयरबेस और सेना की गरुण डिवीजन भी है, जिसके चलते खुफिया एजेंसियों ने परवेज से लम्बी पूछताछ की है।
गिरफ्तारी के समय परवेज के पास से विनीत श्रीवास्तव नाम का आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बरामद हुआ था, जिस पर फोटो तो परवेज का था लेकिन नाम विनीत श्रीवास्तव का था। परवेज का आधार कार्ड लखनऊ के मोती नगर के पते का बना हुआ है। परवेज ने पुलिस को बताया था कि उसका आधार कार्ड लखनऊ में उसकी प्रेमिका ने बनवाया था। खुफिया एजेंसी इस बात का भी पता लगा रही हैं कि आखिर कैसे परवेज ने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवा लिया।
बिहार के भागलपुर का रहने वाला परवेज सिटी सब्जी मंडी के पास एक डॉरमेट्री में विनीत श्रीवास्तव बन कर रह रहा था। उसने यहां पर दो लड़कियों से दोस्ती भी कर ली थी। खुद को रेलवे में टीटीई बताकर उसने एक लड़की से रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर 40 हजार रुपये ले लिए थे। जब लड़की को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने अपने परिजनों को बता दिया, जिसके बाद लड़की के परिजन ने परवेज को पकड़ लिया। तब खुलासा हुआ कि वो विनीत श्रीवास्तव वास्तव में परवेज है।
2015 में मेरठ से गिरफ्तार हुआ पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई का एजेंट एजाज लंबे समय तक प्रेमनगर इलाके के शाहबाद मोहल्ले में रहा और उसने यहां पर वीडियो ग्राफी का काम कर सेना के कई महत्त्वपूर्ण ठिकानों की रेकी की थी। गिरफ्तारी के बाद उसके पास से तमाम फोटो भी बरामद हुए थे। इसके पहले भी आतंकी कनेक्शन के चलते बरेली में धरपकड़ हो चुकी हैं। बंगलुरु में हुए विस्फोट में शीशगढ़ के जाफरपुर के रहने वाले इरफ़ान बंजारा का नाम सामने आया था और वो कर्नाटक से गिरफ्तार हुआ। रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले का एक आरोपी बहेड़ी का रहने वाला है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वो जेल में बन्द है। इसके साथ ही बहेड़ी के जोखनपुर का रहने वाला अब्दुल खालिद का नाम कानपुर ब्लास्ट में आया था।