1971 में गई थी पाकिस्तान इरफाना 1971 में अपने माँ-बाप के साथ कराची पाकिस्तान गई थी।जहां पर उसने पाकिस्तान की नागरिकता ले ली थी लेकिन माता पिता की मौत के बाद वो 1981 वापस बरेली आ गई और यहां पर उसने कंघीटोला के रहने वाले अपने चचेरे भाई माजिद हुसैन से शादी कर ली। शादी के बाद उसने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया था लेकिन उन्हें भारत की नागरिकता नही मिल पाई थी। कलेक्ट्रेट में नागरिकता का प्रमाणपत्र लेने पहुँची इरफाना ने बताया कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद नागरिकता के नियम कुछ सरल हुए और उन्हें नागरिकता मिल गई। इरफाना को नागरिकता मिलने के बाद उनका परिवार बहुत खुश है।
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इरफाना ने बताया कि वो पहले बरेली में ही रहती थी और यहां पर उन्होंने इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।इसके बाद वो अपने माँ बाप के साथ पाकिस्तान चली गई थी। उसकी छह बहन और दो भाई थे उनका एक भाई अभी भी पाकिस्तान में रहता है।इरफाना के चार बच्चे है। इरफाना यहां पर एलटी बीजा पर रह रही थी। इरफाना का कहना है कि उनकी पूरी जवानी हिंदुस्तानी बनने में बीत गई। इरफाना का कहना है कि मोदी सरकार ने उन्हें भारत की नागरिकता दे दी है जिससे वो बहुत खुश है।
इरफाना ने बताया कि वो पहले बरेली में ही रहती थी और यहां पर उन्होंने इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।इसके बाद वो अपने माँ बाप के साथ पाकिस्तान चली गई थी। उसकी छह बहन और दो भाई थे उनका एक भाई अभी भी पाकिस्तान में रहता है।इरफाना के चार बच्चे है। इरफाना यहां पर एलटी बीजा पर रह रही थी। इरफाना का कहना है कि उनकी पूरी जवानी हिंदुस्तानी बनने में बीत गई। इरफाना का कहना है कि मोदी सरकार ने उन्हें भारत की नागरिकता दे दी है जिससे वो बहुत खुश है।
ये भी पढ़ें बकरे की फोटो लगी इस केक का आखिर क्या है रहस्य, मुस्लिम परिवार ने किया है ऐसा, पढ़िए खबर 37 आवेदन वेटिंग में इरफाना को तो भारत की नागरिकता मिल गई। लेकिन अभी भी 37 आवेदन नागरिकता के लंबित है। इन्हें भी नागरकिता देने की प्रक्रिया चल रही है उम्मीद है कि इन्हें भी जल्द ही भारत की नागरिकता मिल जाएगी।