सवाल पर दिया फतवा मरकजी दारुल इफ्ता के मुफ़्ती कौसर अली ने सवाल के जवाब में फतवा देते हुए कहा कि जश्न ए ईद मिलादुन्नबी में ख़ुशी जाहिर करने का हुक्म है और जुलूस निकालना जायज है। जुलूस में सादगी और आदर का ध्यान रखा जाए। जुलूस में डीजे और कव्वाली बजाना गलत है। म्यूजिक वाली नात भी नाजायज है। तबर्रुक(प्रसाद) को छत से न फेंके। इस तरह फेंकने से प्रसाद का अपमान होता है।
इस लिए पड़ी जरूरत पिछले कुछ सालों में देखने में आ रहा है कि जुलूस ए मोहम्मदी में शामिल होने वाली अंजुमन डीजे के साथ शामिल होती है। और तेज आवाज में बजने वाले डीजे पर युवा बाइक से हुड़दंग करते है। इसी को देखते हुए दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन अहसन मियां जुलूस में डीजे पर रोक का एलान कर चुके है।