क्या था मामला पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद वेटनरी फिजियोलॉजी प्रथम वर्ष की छात्रा डॉ0 उफ़क, एमवीएससी वेटनरी माइक्रोबायलॉजी सेकेण्ड ईयर की छात्रा डॉ0 सामिया इरशाद और एमवीएससी वेटनरी की छात्रा डॉ0 हुमैरा फयाज ने सेना पर टिप्पणी की थी। तीनों ही छात्राओं की टिप्पणी का स्क्रीन शॉट एलआईयू ने आईवीआरआई को दिया था। इसके बाद आईवीआरआई ने जांच शुरू की। जांच के बाद उफ़क और सामिया कंडक्ट प्रोबेशन पर भेज दिया गया जबकि 12 दिसंबर से गायब चल रही हुमैरा का नाम काट दिया गया।
छात्राओं को नहीं पछतावा
आईवीआरआई में जांच कमेटी के सामने पेश हुई छात्राओं को अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। छात्राओं ने कहा कि उन्होंने जो टिप्पणी की है उसे वो गलत नहीं मानती है इतना ही नहीं छात्राओं ने ये बात लिख कर जांच कमेटी को दी है। छात्राओं का रुख देख कर जांच कमेटी के सदस्य भी आश्चर्य में पड़ गए।
आईवीआरआई में जांच कमेटी के सामने पेश हुई छात्राओं को अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। छात्राओं ने कहा कि उन्होंने जो टिप्पणी की है उसे वो गलत नहीं मानती है इतना ही नहीं छात्राओं ने ये बात लिख कर जांच कमेटी को दी है। छात्राओं का रुख देख कर जांच कमेटी के सदस्य भी आश्चर्य में पड़ गए।
आईवीआरआई पर ख़ुफ़िया नजर आईवीआरआई की कश्मीरी छात्राओं की पोस्ट के बाद अब ख़ुफ़िया विभाग सक्रिय हो गया है। ख़ुफ़िया विभाग के अफसरों ने आईवीआरआई में डेरा डाल दिया है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि हॉस्टल में रहने वाले कश्मीरी छात्र छात्राओं में कौन इस तरह की हरकतों में लिप्त है। इसके लिए स्टूडेंट यूनियन की भी मदद ली जा रही है। आईवीआरआई में करीब 40 कश्मीरी छात्र छात्राएं है।