मन्दिरों में विशेष सजावट Janmastami के पर्व के लिए शहर के तमाम मन्दिरों में विशेष सजावट की गयी थी। बरेली के प्रमुख दोनों मन्दिरों श्री हरि मन्दिर और बाँके बिहारी मन्दिर में भव्य सजावट की थी। इन मन्दिरों में फूलों और बिजली की झालरों की भव्य सजावट की थी। वहीं मंदिर मेें भव्य तोरण द्वार बनाए गए थे। मन्दिरों की मनोहारी छटा देखते ही बन रही थी। इसके साथ ही शहर के अन्य मन्दिर भी रोशनी से सराबोर थे।
12 बजे हुआ जन्म श्री कृष्ण जनमाष्टमी पर शाम से ही मन्दिरों में पूजा अर्चना और भजन का। सिलसिला शुरू हो गया मन्दिरों में महिलाओं ने ढोल और मंजीरों की थाप पर भजन गाए। रात 12 बजे कान्हा का जन्म हुआ तो मन्दिर शंख और घण्टों की आवाज से गूँज उठे। हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल के जयकारे सदाओं में गूँज उठे और लोगों ने एक दुसरे को कान्हा के जन्म की बधाइयाँ दी।
घरों पर भी मनाई गई जन्माष्टमी जन्माष्टमी के अवसर पर न सिर्फ मन्दिर बल्कि लोगों ने घरों में भी भगवान श्री कृष्ण की आकर्षक झांकियां सजाई गई। भक्तों ने व्रत रख कान्हा के जन्म का इन्तजार किया और कान्हा के जन्म के बाद के पूजा अर्चना की गयी।
सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम जन्माष्टमी के पर्व को देखते हुए मन्दिरों में सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए थे। सभी प्रमुख मन्दिरों में काफी तादाद में पुलिस फ़ोर्स तैनात किया गया था इसके साथ ही मन्दिरों में सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की गयी।