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महिलाएं भी किसी से कम नहीं, ई रिक्शा चलाकर पाया स्वरोजगार

locationबरेलीPublished: Sep 03, 2018 04:59:10 pm

स्वरोजगार योजना के तहत शुरुआती दौर में 10 महिलाओं को ई रिक्शा दिए गए हैं और ये सभी महिलाएं ई रिक्शा चलाकर दिन भर में 500 रुपए तक कमा लेती हैं।

E Rikshaw Driver

महिलाएं भी किसी से कम नहीं, ई रिक्शा चलाकर पाया स्वरोजगार

बरेली। बरेली की सड़कों पर अगर आपको नकाब पहन कर ई रिक्शा चलाती महिला दिख जाए तो अचरज में पड़ जाइएगा। क्योंकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ई रिक्शा उपलब्ध कराया गया है। स्वरोजगार योजना के तहत शुरुआती दौर में 10 महिलाओं को ई रिक्शा दिए गए हैं और ये सभी महिलाएं ई रिक्शा चलाकर दिन भर में 500 रुपए तक कमा लेती हैं।
सड़क पर दौड़ाती है ई रिक्शा

ये सभी ऐसी महिलाएं है जो या तो तलाकशुदा है या फिर विधवा है। और इनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी।और इनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं था, ऐसी महिलाओं के उत्थान के लिये सीडीओ सतेंद्र सिंह की पहल पर शुरुआती दौर में 10 महिलाओं को बैंक से लोन दिलवा कर इन्हें ई रिक्शा दिलाए गए हैं। ई रिक्शा दिलाने के साथ ही अफसरों ने इन महिलाओं को रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दिलवाई। अब ये महिलाएं ई रिक्शा चलाकर परिवार का अच्छे से गुजारा कर रही हैं। महिलाएं खुद ई रिक्शा चलाकर स्कूली बच्चों को उनके स्कूल तक पहुंंचा रही हैं तो वहीं कुछ महिलायें सड़कों पर सवारियों को बैठाकर उनके गंतव्य तक पहुंचा रही हैं।
बदल गई जिंदगी

ई रिक्शा चलाने वाली तय्यम का कहना है कि पहले वो खर्चे के लिए अपने चाचा पर निर्भर रहती थी और उन्हें एक एक रुपये के लिए दूसरे लोगों के आगे हाथ फैलाना पड़ता था वही जब से ई रिक्शा चलाना शुरू किया है तो वो एक दिन में 300 रुपये तक कि बचत कर लेती है। इसी तरह से ई रिक्शा पाने वाली गीता राणा भी ई रिक्शा पा कर बहुत खुश है।उनका कहना है कि ई रिक्शा से उन्हें रोजगार मिला है और एक दिन में 500 रुपए तक कि कमाई हो जाती है। इन महिलाओं को ई रिक्शा दिलाने में मदद करने वाली मनोरमा बिष्ट ने बताया कि अभी शुरुआती दौर में 10 महिलाओं को ई रिक्शा दिलाया गया है अगर ये प्रयोग सफल होता है तो अभी तमाम महिलाएं ऐसी है जो ई रिक्शा चलाना चाहती है। आगे इन महिलाओं को भी ई रिक्शा दिलाकर इन्हें रोजगार दिलाया जाएगा।
50 आवेदन और आए

पीओ डूडा विनय सिंह में बताया कि अभी शुरुआती दौर में 10 महिलाओं को ई रिक्शा दिया गया है जो कि स्कूल के बच्चों को छोड़ने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सवारी के रूप में बैठा रही है। अभी उनके कार्यालय में 50 और महिलाओं ने आवेदन किया है। जिसकी प्रक्रिया चल रही है और जरूरी कार्रवाई करने के बाद इन महिलाओं को भी ई रिक्शा दिलाकर उनकी ट्रेनिंग कराई जाएगी।
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