सपा सरकार में बनी थी योजना लीलौर झील को पर्यटन स्थल बनाने की योजना अखिलेश सरकार में बनी थी। 13 करोड़ रूपये से इस झील का सुन्दरीकरण होना था। झील के सुंदरीकरण के लिए सिंचाई विभाग, पीडब्लूडी, वन विभाग और पर्यटन विभाग को करना था।सिंचाई विभाग को काम करने के लिए साढ़े आठ करोड़ का बजट भी मिला था। मिट्टी की खुदाई के नाम पर सपा सरकार के चेहते ठेकेदारों ने जमकर धांधली की और झील का सुंदरीकरण नहीं हो सका।
कई अफसरों पर हुई कार्रवाई
प्रदेश में सरकार बदलने के बाद सिंचाई मंत्री धर्मपाल के क्षेत्र में पड़ने वाली इस झील के सुंदरीकरण में हुए घोटाले की जांच शुरू हुई और कई अफसरों पर सिंचाई विभाग ने कार्रवाई की है और झील के सुंदरीकरण के लिए कुछ काम भी हुआ है लेकिन झील अभी पर्यटन स्थल नहीं बन पाई है।
महाभारतकालीन है झील लीलौर झील आंवला के रामनगर इलाके में है और इस झील का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्त्व भी है। महाभारत की लड़ाई के बाद युधिष्ठिर ने इसी झील में खड़े होकर यक्ष के प्रश्न के उत्तर दिए थे।
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