पांच बार बने विधायक भगवत शरण ने राममंदिर लहर के दौरान हुए 1991 और 1993 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था और उन्होंने दोनों ही चुनाव में जीत हासिल की थी।1996 में समाजवादी पार्टी के छोटेलाल गंगवार ने भगवत शरण को हराकर सीट पर कब्जा जमाया। जिसके बाद 2002 के चुनाव में भगवतशरण गंगवार कमल का साथ छोड़ कर साइकिल पर सवार हुए और 2002,2007 और 2012 में लगातार तीन बार जीत दर्ज की। 2012 में चुनाव जीतेने के बाद भगवत शरण प्रदेश सरकार में स्वतन्त्र प्रभार के मंत्री भी बनाए गए जिन्हें बाद में मंत्री पद से हटा दिया गया।
2009 में भी लड़े चुनाव
भगवत शरण गंगवार इसके पहले 2009 का भी लोकसभा चुनाव लड़े थे और वो 72 हजार वोट हासिल कर चौथे स्थान पर आए थे। इस चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ था जिसके तहत लगातार छह बार बरेली लोकसभा सीट का चुनाव जीतने वाले संतोष गंगवार को नौ हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। 2009 के चुनाव में भगवत शरण गंगवार को 73 हजार से ज्यादा वोट हासिल हुए थे।
भगवत शरण गंगवार इसके पहले 2009 का भी लोकसभा चुनाव लड़े थे और वो 72 हजार वोट हासिल कर चौथे स्थान पर आए थे। इस चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ था जिसके तहत लगातार छह बार बरेली लोकसभा सीट का चुनाव जीतने वाले संतोष गंगवार को नौ हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। 2009 के चुनाव में भगवत शरण गंगवार को 73 हजार से ज्यादा वोट हासिल हुए थे।