बरेली

इस सीट पर भी गांधी परिवार की बादशाहत कायम

पीलीभीत संसदीय क्षेत्र से गांधी परिवार की बहू मेनका संजय गांधी छह बार सांसद रह चुकी है

बरेलीMar 12, 2019 / 12:41 pm

jitendra verma

मेनका के तिलिस्म को तोड़ना विपक्ष के लिए नहीं आसान

पीलीभीत। तराई की गोद में बसे पीलीभीत संसदीय क्षेत्र से गांधी परिवार की बहू मेनका संजय गांधी छह बार सांसद रह चुकी है जबकि एक बार उनके बेटे वरूण गांधी यहां से सांसद चुने जा चुके हैं । पिछले चुनावी आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो पता चलता है कि उनके तिलिस्म को तोडना विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती है। क्योकि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने यहाँ से बड़ी जीत दर्ज की थी और उन्हें सपा, बसपा और कांग्रेस के कुल वोट से भी ज्यादा वोट प्राप्त हुए थे।
2014 का आंकड़ा
पिछले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर अगर हम नजर डालें तो पता चलता है कि 2014 के लोकसभा आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मेनका संजय गांधी 5,46934 मत पाकर पहले स्थान पर रहीं। उन्हें 32 फीसदी मत मिले। जबकि सपा के बुद्धसेन वर्मा को 2,39882 मत पाकर संतोष करना पड़ा। जबकि बसपा के दिग्गज नेता अनीस अहमद खां फूलबाबू को 1,96294 मत मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे।
दो बार निर्दलीय जीती
पीलीभीत सीट से मेनका ने 1989 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता, लेकिन दो साल बाद राम लहर में हुए चुनाव में ही बीजेपी ने यहां जीत हासिल की। बीजेपी के डा. परशुराम गंगवार ने उन्हें हरा दिया। उसके बाद 1996 से 2004 तक लगातार मेनका गांधी ने लगातार चार बार यहां से चुनाव जीता। इनमें दो बार निर्दलीय और 2004 में बीजेपी के टिकट से जीत हासिल की थी। 2009 में मेनका गांधी ने अपने बेटे वरूण गांधी के लिए यह सीट छोड़ी और वरूण गांधी सांसद चुने गए। लेकिन 2014 में वे एक बार फिर यहां वापस आईं और छठी बार यहां से सांसद चुनी गई।
विपक्ष के लिए चुनौती

सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी या उनके बेटे वरूण गांधी से मुकाबला करने को अभी तक विपक्ष ने कोई प्रत्याशी घेाषित नहीं किया है। पीलीभीत लोकसभा सीट सपा के खाते में गई है। जिससे बसपा के पूर्व मंत्री अनीस अहमद खां इस बाहर इस तस्वीर से बाहर हैं। जबकि सपा से पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा के साथ बरेली के पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार प्रबल दावेदार हैं। इन दोनों में ही टिकट को लेकर घमासान तेज है।

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