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प्रत्याशी घोषित न करके भाजपा ने यूपी की इस सीट पर रहस्य बढ़ाया

locationबरेलीPublished: Mar 22, 2019 10:06:33 am

Submitted by:

jitendra verma

पीलीभीत से सांसद है केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी

बरेली। आगामी लोकसभा चुनाव में रुहेलखण्ड की वीआईपी सीट में से एक बदायूं लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। यहां पर गठबन्धन के अलावा बीजेपी और कांग्रेस ने भी मजबूत प्रत्याशी मैदान में उतारे है। गठबन्धन की तरफ से मौजूदा सांसद सपा के धर्मेन्द्र यादव के मुकाबले कांग्रेस ने बदायूं के पांच बार के सांसद सलीम शेरवानी को उतारा है तो बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री स्वामीप्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य को बदायूं से उतार कर मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। संघमित्रा मौर्य ने 2014 में लोकसभा का चुनाव मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव के खिलाफ बसपा के टिकट से लड़ा था।
मेनका गांधी का हुआ था विरोध

पीलीभीत में लोकसभा चुनाव के पहले ही मेनका गांधी का विरोध हुआ था। कुछ दिन पहले तमाम स्थानीय विधायकों और नेताओं ने एक सुर में बाहरी प्रत्याशी का विरोध करते हुए किसी स्थानीय नेता को ही चुनाव मैदान में उतारने की मांग की थी। इस मामले में अब भाजपा में बातचीत का दौर चल रहा है माना जा रहा है कि इसी वजह से अभी यहाँ से टिकट की घोषणा नहीं की गई है।
Menka gandhi
मेनका का गढ़ है पीलीभीत

पीलीभीत सीट से मेनका ने 1989 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता, लेकिन दो साल बाद राम लहर में हुए चुनाव में ही बीजेपी ने यहां जीत हासिल की। बीजेपी के डा. परशुराम गंगवार ने उन्हें हरा दिया। उसके बाद 1996 से 2004 तक लगातार मेनका गांधी ने लगातार चार बार यहां से चुनाव जीता। इनमें दो बार निर्दलीय और 2004 में बीजेपी के टिकट से जीत हासिल की थी। 2009 में मेनका गांधी ने अपने बेटे वरूण गांधी के लिए यह सीट छोड़ी और वरूण गांधी सांसद चुने गए। लेकिन 2014 में वे एक बार फिर यहां वापस आईं और छठी बार यहां से सांसद चुनी गई।

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