रामबरात के दिन मौका नहीं तो जुलूस वाले दिन दंगा कराया तौकीर ने कहा कि शहर के लोगों को याद होगा कि 2010 में उनकी पार्टी से हिंदू समुदाय के काफी लोग जुड़े थे, इसी से परेशान होकर भाजपा ने दंगा कराया। अपने ही जुलूस में वह दंगा क्यों कराते। उस साल रामबरात और बारावफात का जुलूस एक दिन होने का फायदा उठाकर भाजपा दंगा कराना चाहते थे। उन्होंने अगले दिन जुलूस निकालने की पैरवी की थी। इस वजह से रामबरात के दिन मौका नहीं मिला और उन्होंने जुलूस वाले दिन दंगा कराया। असल दंगाइयों को आज तक पकड़ा ही नहीं गया। तौकीर ने कहा कि वह अगर सिर्फ मुसलमानों की बात करें तो भाजपा को दिक्कत नहीं होती। मुसलमानों के अलावा पिछड़े और दलित जैसे दूसरे वर्ग भी उनसे जुड़ रहे थे, इसलिए भाजपा को दिक्कत हुई।
27 मार्च को पेश होऊंगा तौकीर ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो निर्देश दिया है, उसका वह पालन करेंगे और 27 मार्च को कोर्ट में पेश होंगे। तौकीर ने सफाई दी कि अगर उन्हें दंगे के केस में अदालत में तलब किए जाने की जानकारी होती तो वह पहले ही समन पर आ जाते। लेकिन वह केरल के अंदरूनी इलाके में थे। उनके खिलाफ अफवाह उड़ा दी गई कि वह खाड़ी देश भाग गए है जबकि उनके पास पासपोर्ट तक नहीं है।