ये भी पढ़ें शादी में जब मजहब की दीवार आड़े आई तो प्रेमी युगल ने उठा लिया खौफनाक कदम बेटी पैदा होने पर हुआ तलाक नबाबगंज के गाँव मोहनीमगड़ निवासी बेबी अफरोज का निकाह नबाबगंज गाँव बरौर निवासी मुहम्मद हारुन के साथ 21 मार्च सन 2010 में किया गया था ,शादी के कुछ समय पश्चात बेबी अफरोज को दो बेटियां हुई। बेटी पैदा होने पर अफरोज को तीन तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया गया था। अब जब बेबी अफरोज की बेटियां बड़ी हुई तो हारून भी बेटियों के प्यार के लिए बेबी अफरोज को साथ रखने को तैयार है।लेकिन इन दोनों के बीच हलाला की दीवार आ गई। बेबी अफरोज को हलाला करना मंजूर नहीं जबकि मौलाना का कहना है कि बगैर हलाला वो अपने शौहर के साथ नहीं रह सकती।
ये भी पढ़ें खतरनाक मलेरिया के मिले 1500 मरीज, 150 से ज्यादा की मौत, स्वास्थ्य महकमे की नाकामी आई सामने मौलाना ने बनाया हलाला का दबाव बेबी अफरोज का कहना है कि उसका पति हारून अब उसे साथ रखने को तैयार है और वो इसके लिए मजहबी जानकारी लेने एक मदरसे के मौलाना से मिली तो मौलना ने उससे कहा कि शौहर के साथ दोबारा रहने के लिए उसे हलाला करना होगा जिस पर महिला डर गई। महिला का आरोप है कि मौलाना ने उससे कहा कि पांच-छह हजार रूपये लेकर आ जाओ यही पर चुपचाप तुम्हारा हलाला करा देंगे और किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। जिस पर बेबी अफरोज घबरा गई और वो वहां से वापस चली आई।
ये भी पढ़ें बरेली में बुखार का कहर जारी, सपाई पहुंचे मृतक के परिजनों की मदद को मुख्यमंत्री से की शिकायत बेबी अफरोज का कहना है कि मौलाना ने उसके साथ हलाला करने की बात कही और अब वो अपने पति के साथ रहना चाहती है लेकिन मौलाना हलाला की बात कह रहें है। बेबी अफरोज ने मांग की है कि हलाला प्रथा पर रोक लगे जिससे वो अपने पति के साथ रह सके। बेबी अफरोज ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है।