दो घोड़ों में हुई पुष्टि बरेली मण्डल में गत वर्ष 2018-19 में 1037 रक्त के नमूने राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार में जाॅंच हेतु भेजे गये थे जिसमें से कुल 11 रक्त नमूनों में बीमारी की पुष्टि की गयी थी। पिछले महीने मण्डल के तीन जिलों बरेली, बदायूं और पीलीभीत से कुल 96 रक्त के नमूने जांच के लिए हिसार की प्रयोगशाला को भेजे गये थे जिसमे बरेली के दो घड़ों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी। जिन्हे मर्सी डेथ देकर मौत की नींद सुला दिया गया।
25 हजार का मिलता है मुआवजा पशु पालन विभाग का कहना है कि बीमार पशु को तत्काल स्वास्थ्य परीक्षण कराएं और स्वस्थ पशुओं को बीमार पशु से अलग रखें और चारा पानी भी अलग करें। पशुपालकों को ऐसे बीमार पशु की देखभाल करते समय अपने परिवार की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। पशु में बीमारी की पुष्टि होने पर पशु पालन विभाग द्वारा घोड़े को इंजेक्शन लगा कर मर्सी डेथ दी जाती हैं और इसके लिए पशुपालक को विभाग द्वारा 25 हजार रूपये का मुआवजा भी दिया जाता है। घोड़े की मौत के बाद संक्रमित पशु को 8-10 फिट गहरे गडढे में चूना/नमक में डालकर दबा दिया जाता है।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर .. UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App.