रास्ते में नहीं मिला खाना लुधियाना से रवाना करते समय श्रमिकों के लिए खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी जिसके कारण यात्रियों को 479 किलोमीटर का सफर बगैर भोजन के ही सफर करना पड़ा जिससे यात्रियों का भूख से बुरा हाल था। बरेली पहुँचने पर सभी को खाने के पैकेट और पानी की बोतल दी गई जिसके बाद भूख से बेहाल लोगों ने जंक्शन पर ही खाना खाया और बस में सवार हुए।
47 बसों का किया इंतजाम श्रमिकों को उनके घर भेजने के लिए प्रशासन ने 47 बसों का इंतजाम किया और रुट के हिसाब से बसों को लगाया गया था। जिस यात्री को जिस रुट पर जाना था उसे बस में बैठा कर रवाना किया गया। बस में बैठाने के पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई जिनमे चार यात्री संदिग्ध मिले।
हुई परेशानी बरेली पहुंचे श्रमिकों ने अपनी आपबीती भी सुनाई और कहा कि लॉक डाउन के दौरान उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अपने गृह जनपद पहुँचने के बाद श्रमिकों ने कुछ राहत की सांस ली। तमाम श्रमिकों का कहना है कि वो अब जल्दी वापस नहीं जाएंगे। इसके साथ ही श्रमिकों ने पीएम और सीएम का शुक्रिया भी अदा किया।