ये चुने गए कार्यकारिणी में कार्यकारिणी के लिए भाजपा ने आठ पार्षदों अवनेश कुमार, पूनम गंगवार, विनोद सैनी, ऊषा उपाध्याय, रूप किशोर, अतुल कपूर, अनुपम चमन और हरनाम सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था ये सभी पार्षद निर्विरोध चुने गए जबकि समाजवादी पार्टी ने अब्दुल कय्यूम मुन्ना, सलीम अहमद, अंजुम शमीम, इकबाल अंसारी और मोहम्मद यामीन को चुनाव मैदान में उतारा था जिसमें मोहम्मद यामीन का पर्चा खारिज हो गया जबकि चार सपा पार्षद कार्यकारिणी के लिए चुने गए।
नगर निगम के लिए काला दिन चुनाव प्रक्रिया के बाद समाजवादी पार्षद दल के नेता राजेश अग्रवाल ने इस चुनाव को नगर निगम का काला दिन करार दिया उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ने धांधली के दम पर उनके एक सदस्य का नामांकन खारिज करवा दिया इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस चुनाव में धांधली का खुलासा न हो इसके लिए मीडिया को भी कवरेज करने से रोका गया उन्होंने कहा कि चुनाव में नियमों का पालन भी नहीं किया गया।
क्या है कार्यकारिणी इसे नगर निगम का मंत्रिमंडल कहा जाता है। इसे नगर निगम की ओर से किए जाने वाले सभी कार्यों के सुपरविजन का अधिकार प्राप्त है और कार्ययोजना बनाना, प्रस्ताव तैयार करना, प्रस्ताव बोर्ड से पास कराना और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना ये कार्यकारिणी की शक्तियां हैं। कार्यकारिणी का कार्यकाल द्विवार्षिक होता है। ऐसे में प्रत्येक वर्ष लॉटरी विधि से छह सदस्य कम कर दिए जाते हैं। शेष छह सदस्यों का कार्यकाल दो वर्षों के लिए बरकरार रहता है। इसके साथ ही, लॉटरी विधि से ही छह नए सदस्यों का चुनाव कर लिया जाता है।