
बरेली। नगर निगम के टैक्स अफसरों की बाजीगरी का एक और नमूना सामने आया है। करोड़ों के शोरूम के नगर निगम ने कामर्शियल के बजाय हाउस टैक्स के बिल जारी कर दिये। जब कि धार्मिक स्थलों को भी टैक्स देने के लिये नोटिस जारी किये गये हैं।
टैक्स को लेकर नगर निगम के सदन में पार्षदों ने बड़े संस्थानों समेत कई कामर्शियल भवनों का टैक्स करोड़ों रुपये कम करने का आरोप अफसरों पर लगाया था। पार्षद राजेश अग्रवाल ने टैक्स विभाग पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा कि हाउस टैक्स कई गुना तक बढ़ा दिया है। बांके बिहारी मंदिर और सौदागरान स्थित प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर पर कभी कर नहीं लगता था। मंदिर के छोटे से हिस्से में पुजारी रहते हैं। उसका बिल भेज दिया। कहीं मकान का क्षेत्रफल बढ़ा दिया है, कहीं संपत्ति किसी और के नाम और बिल दूसरे के नाम आ रहा है।
पार्षदों के मुताबिक शहर के एक नहीं दर्जनों कामर्शियल भवन हैं। नगर निगम के खेल का आलम ये है कि सवा करोड़ के टैक्स को घटाकर पांच लाख तक कर दिया। किसी के बिल ही नहीं निकाले और न नोटिस दिये। शहर के प्रमुख करदाताओं पर ही नोटिस भेजे जा रहे हैं। पार्षद राजेश अग्रवाल, गौरव सक्सेना, शमीम अहमद, सलीम अहमद आदि का कहना है कि करदाताओं को टैक्स विभाग की टीम नोटिस देकर भवनों को कुर्क करने और नीलामी करने पर धमका रही है। मेयर डा. उमेश गौतम ने बताया कि करदाताओं को परेशान नहीं किया जाएगा। जो बड़े बकायेदार हैं उनसे गृहकर की वसूली हो। टैक्स विभाग लोगों को समझाएं तो वो टैक्स देने के लिए मना नहीं करेंगे।
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Published on:
04 Jan 2025 06:27 pm
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