कस्बे में राशन आदि बांटने के साथ ही ये लोग नेशनल हाइवे 24 से गुजरने वाले प्रवासी मजदूरों (migrants workers) की भी मदद कर रहे हैं।
ईद की तैयारी छोड़ प्रवासियों की मदद कर रहे हैं रोजेदार
बरेली। शीशगढ़ कस्बे के रहने वाले युवा लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। कस्बे में राशन आदि बांटने के साथ ही ये लोग नेशनल हाइवे 24 से गुजरने वाले प्रवासी मजदूरों (migrants workers) की भी मदद कर रहे हैं। इन युवाओं में तमाम लोगों का रोजा (roja) भी है और ये लोग ईद (Eid) की तैयारी छोड़ चिलचिलाती धूप में प्रवासी मजदूरों की खिदमत में लगे हुए हैं। इनका कहना है कि इस बार ईद भी ये लोग प्रवासियों के साथ ही मनाएंगे और उनके बीच ईद की खुशियां बांटेंगे।
टोल प्लाजा पर करते हैं सेवा शीशगढ़ कस्बे की सोशल एक्टिविस्ट सोसाईटी लॉक डाउन के दौरान घर घर राशन किट पहुंचा रही है। इसके साथ ही इस सोसायटी में शामिल युवा अब फतेगंज पश्चिमी के टोल प्लाजा (Toll plaza) पर प्रवासी मजदूरों की भी सेवा कर रहे हैं और उन्हें खाना, पानी, बिस्किट आदि उपलब्ध करा रहे हैं। एक तरफ रमजान (Ramadan) का कठिन रोजा, ऊपर से चिलचिलाती धूप में प्रवासी मजदूरों की खिदमत करते इन रोजेदारों का काम किसी तपस्या से कम नहीं है। यह लोग फतेगंज प0 टोल प्लाजा पर खड़े होकर वहां से निकलने वाले हर प्रवासी मजदूरों को भोजन – पानी उपलब्ध करा रहे हैं। पहले यह लोग कस्बों में इकठ्ठा होकर लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे थे, अब यह जिले की सीमा से होकर निकलने वाले मजदूरों को भोजन पानी उपलब्ध करा रहे हैं।
रोजेदारों के लिए भी करते हैं इंतजाम सोसाईटी के सदस्य मोहम्मद अजमल ने बताया कि हम पहले इंसान हैं और बाद में हिन्दू मुसलमान हैं। हम लोग शाम को जब घर जाते हैं तो हमें इस बात का मानसिक संतोष होता है कि हमने कुछ अच्छा किया है। मुजीबुर्रहमान ने बताया कि हमारे सभी सदस्यों ने कहा है कि कोई भूखा न रहने पाए और हम लोग उन्हीं के आदेश को ध्यान में रखकर यह भोजन – पानी का प्रबन्ध कर रहे हैं। रोजेदारों के लिए भी हम उनके रोजा खोलने (iftar) का प्रबंध कर रहे हैं। प्रवासियों की सेवा के लिए सोशल एक्टिविस्ट सोसाईटी के मोहम्मद अजमल, नसीम अहमद रजी, मुजीबुर्रहमान, ज़ीशान शेख, इरकान अहमद, बाबू खान,रिज़वान अहमद, फुरकान अहमद, मोहम्मद अज़हर, मोसनिन अहमद, तकमील अहमद आदि भी मौजूद रहते हैं