यहाँ करें दीपदान नरकदोष से मुक्ति के लिए सांयकाल चैमुखा दीपक जलाकर मुख्य द्वार के सामने रखा जाता है। भविष्योत्तर पुराण के अनुसार प्रदोषकाल में ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी के मंदिर में, मठो, अस्त्रागारो, चैत्रों, सभा भवनों, नदियों, उघानों, कूपो, राजपथो, भैरव के मंदिर में आदि सभी जगह दीप दान करना चाहिए। इस दिन देवताओं का पूजन कर दीपदान करना चाहिए। दीपदान के समय दत्तो दीप श्रतुर्दश्यां नरकप्रीतये मया। चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये।।मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
सनत् कुमार संहिता के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को सांयकाल दीप दान करने से नरक में पड़े पितरों को भी स्वर्ग का मार्ग दिखता है और उनकी नरक से मुक्ति हो जाती है। यमराज के निमित्त दीपदान का समय प्रदोष काल में सांय 05ः33 बजे से 06ः48 बजे तक है
दीप माला प्रज्वलन का शुभ मुहूर्त सांय काल 07ः07 बजे से रात्रि 08ः46 बजे तक है