इस्लाम से किया गया खारिज
दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से तीन दिन पहले फतवा जारी किया गया है जिसमें निदा खान को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है। फतवा मांगने वाले शहर इमाम खुर्शीद आलम ने कहा है कि निदा की मदद करने वाले, उससे मिलने जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज किया जाएगा। निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नवाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा के मरने पर उसे दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है।
दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से तीन दिन पहले फतवा जारी किया गया है जिसमें निदा खान को इस्लाम से खारिज कर दिया गया है। फतवा मांगने वाले शहर इमाम खुर्शीद आलम ने कहा है कि निदा की मदद करने वाले, उससे मिलने जुलने वाले मुसलमानों को भी इस्लाम से खारिज किया जाएगा। निदा अगर बीमार हो जाती हैं तो उसको दवा भी नहीं दी जाएगी। निदा की मौत पर जनाजे की नवाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। इतना ही नहीं निदा के मरने पर उसे दफनाने पर भी रोक लगा दी गई है।
Must Read – बर्थडे स्पेशल: कभी इस घर में रहती थीं प्रियंका, आज आलीशन बंगले की हैं मालिक, देखें तस्वीरें 14 जुलाई को हुई मॉब लिंचिंग की घटना
फतवा जारी होने के बाद निदा खान ने खुद को और परिवार को जान का खतरा बताया है उनका कहना है कि भीड़ के जरिए उनकी हत्या की जा सकती है। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को उनके साथ मॉब लिंचिंग जैसी घटना हुई, उन्होंने पुलिस को सूचित किया, इसके बावजूद पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की। उनका कहना है कि अभी तो वे किसी तरह बच गईं। लेकिन अगर अगली बार लोग कामयाब हो गए तो उनकी जान भी जा सकती है।
फतवा जारी होने के बाद निदा खान ने खुद को और परिवार को जान का खतरा बताया है उनका कहना है कि भीड़ के जरिए उनकी हत्या की जा सकती है। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को उनके साथ मॉब लिंचिंग जैसी घटना हुई, उन्होंने पुलिस को सूचित किया, इसके बावजूद पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की। उनका कहना है कि अभी तो वे किसी तरह बच गईं। लेकिन अगर अगली बार लोग कामयाब हो गए तो उनकी जान भी जा सकती है।