मेयर सीट पर होगा घमासान
बरेली की मेयर सीट पर पिछले चुनाव में सपा के डा० आईएस तोमर ने जीत दर्ज की थी। प्रदेश में एक मात्र सीट पर सपा के मेयर प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी। पिछला चुनाव सपा ने बगैर सिंबल के लड़ा था लेकिन इस बार समाजवादी ने अपने प्रत्याशियों को सिंबल पर लड़ाने का ऐलान किया हैं। कुछ समय पहले सपा ने मेयर और पार्षद पद के लिए आवेदन भी मांगे थे लेकिन चुनाव आगे बढ़ने और आरक्षण फाइनल न होने के कारण अभी प्रत्याशी की तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी इस बार चुनाव में किसी भी कीमत पर मेयर की सीट पर कब्जा जमाना चाहेगी क्योंकि जिले की सभी विधानसभा सीट और लोकसभा सीट अब बीजेपी के कब्जे में हैं और लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा चाहेगी कि जिले की सभी प्रमुख सीटों पर भी उसका कब्जा हो। मेयर पद के लिए सबसे ज्यादा दावेदार बीजेपी में ही देखने को मिल रहे हैं।
बरेली की मेयर सीट पर पिछले चुनाव में सपा के डा० आईएस तोमर ने जीत दर्ज की थी। प्रदेश में एक मात्र सीट पर सपा के मेयर प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी। पिछला चुनाव सपा ने बगैर सिंबल के लड़ा था लेकिन इस बार समाजवादी ने अपने प्रत्याशियों को सिंबल पर लड़ाने का ऐलान किया हैं। कुछ समय पहले सपा ने मेयर और पार्षद पद के लिए आवेदन भी मांगे थे लेकिन चुनाव आगे बढ़ने और आरक्षण फाइनल न होने के कारण अभी प्रत्याशी की तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी इस बार चुनाव में किसी भी कीमत पर मेयर की सीट पर कब्जा जमाना चाहेगी क्योंकि जिले की सभी विधानसभा सीट और लोकसभा सीट अब बीजेपी के कब्जे में हैं और लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा चाहेगी कि जिले की सभी प्रमुख सीटों पर भी उसका कब्जा हो। मेयर पद के लिए सबसे ज्यादा दावेदार बीजेपी में ही देखने को मिल रहे हैं।
मेयर सीट के लिए सभी पार्टियों को सीट के आरक्षण का इन्तजार है। मौजूदा समय में मेयर सीट सामान्य श्रेणी है। अभी मेयर सीट का आरक्षण फाइनल नहीं हुआ है जिसके कारण दावेदार बेचैन हैं और उनके साथ ही पार्टियों को भी आरक्षण का इन्तजार है। आरक्षण फाइनल होने पर ही राजनैतिक दल अपने पत्ते खोलेंगी।
बढ़ गए 10 वार्ड
नगर निगम में 2012 के चुनाव में 70 वार्ड पर चुनाव हुआ था लेकिन इस बार आबादी के हिसाब से हुए नए परिसीमन में 10 नए वार्ड बन गए हैं। 70 से बढ़कर 80 वार्ड वाले परिसीमन पर मंथन शुरू हो चुका है। बाकी निकाय की रिपोर्ट भी जिला प्रशासन से शासन ने तलब की है।
नगर निगम में 2012 के चुनाव में 70 वार्ड पर चुनाव हुआ था लेकिन इस बार आबादी के हिसाब से हुए नए परिसीमन में 10 नए वार्ड बन गए हैं। 70 से बढ़कर 80 वार्ड वाले परिसीमन पर मंथन शुरू हो चुका है। बाकी निकाय की रिपोर्ट भी जिला प्रशासन से शासन ने तलब की है।
पहले फेज में 44 वार्ड हुए थे आरक्षित नगर निगम के 80 वार्ड में 44 वार्ड पहले किए गए सर्वे में आरक्षित किए गए थे। इसमें पिछड़ी जाति के 22 अनुसूचित जाति के 20 और महिलाओं के लिए 18 वार्ड आरक्षित किए गए थे।