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निकाय चुनावों को लेकर फिर गर्म हुआ राजनैतिक माहौल

locationबरेलीPublished: Aug 17, 2017 11:56:00 am

Submitted by:

suchita mishra

मेयर के नाम के लिए पार्टियों को है आरक्षण का इंतजार, उसके बाद ही होगी स्थिति साफ।

Nikay Chunav

Nikay Chunav

बरेली। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकायों के चुनाव नवंबर तक कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने सरकार को अक्टूबर तक चुनाव की सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के इस आदेश के बाद जिले में एक बार फिर राजनैतिक माहौल गर्म हो गया है। विधानसभा चुनाव के बाद शांत बैठे नेता अब एक बार फिर सक्रिय होने लगे हैं। बरेली में सबसे ज्यादा रोचक मुकाबला मेयर की सीट पर होना तय है जिसके लिए अब पार्टियां इसकी तैयारियों में जुट गई हैं।
मेयर सीट पर होगा घमासान
बरेली की मेयर सीट पर पिछले चुनाव में सपा के डा० आईएस तोमर ने जीत दर्ज की थी। प्रदेश में एक मात्र सीट पर सपा के मेयर प्रत्याशी को जीत हासिल हुई थी। पिछला चुनाव सपा ने बगैर सिंबल के लड़ा था लेकिन इस बार समाजवादी ने अपने प्रत्याशियों को सिंबल पर लड़ाने का ऐलान किया हैं। कुछ समय पहले सपा ने मेयर और पार्षद पद के लिए आवेदन भी मांगे थे लेकिन चुनाव आगे बढ़ने और आरक्षण फाइनल न होने के कारण अभी प्रत्याशी की तस्वीर साफ़ नहीं हो पाई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी इस बार चुनाव में किसी भी कीमत पर मेयर की सीट पर कब्जा जमाना चाहेगी क्योंकि जिले की सभी विधानसभा सीट और लोकसभा सीट अब बीजेपी के कब्जे में हैं और लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा चाहेगी कि जिले की सभी प्रमुख सीटों पर भी उसका कब्जा हो। मेयर पद के लिए सबसे ज्यादा दावेदार बीजेपी में ही देखने को मिल रहे हैं।
आरक्षण का इन्तजार
मेयर सीट के लिए सभी पार्टियों को सीट के आरक्षण का इन्तजार है। मौजूदा समय में मेयर सीट सामान्य श्रेणी है। अभी मेयर सीट का आरक्षण फाइनल नहीं हुआ है जिसके कारण दावेदार बेचैन हैं और उनके साथ ही पार्टियों को भी आरक्षण का इन्तजार है। आरक्षण फाइनल होने पर ही राजनैतिक दल अपने पत्ते खोलेंगी।
बढ़ गए 10 वार्ड
नगर निगम में 2012 के चुनाव में 70 वार्ड पर चुनाव हुआ था लेकिन इस बार आबादी के हिसाब से हुए नए परिसीमन में 10 नए वार्ड बन गए हैं। 70 से बढ़कर 80 वार्ड वाले परिसीमन पर मंथन शुरू हो चुका है। बाकी निकाय की रिपोर्ट भी जिला प्रशासन से शासन ने तलब की है।
पहले फेज में 44 वार्ड हुए थे आरक्षित

नगर निगम के 80 वार्ड में 44 वार्ड पहले किए गए सर्वे में आरक्षित किए गए थे। इसमें पिछड़ी जाति के 22 अनुसूचित जाति के 20 और महिलाओं के लिए 18 वार्ड आरक्षित किए गए थे।
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