स्वास्थ्य मंत्री के आने से पहले किया बाहर जिले में बुखार से 100 से ज्यादा मौत होने के बाद प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को जिला अस्पताल का निरीक्षण करना था। मंत्री को निरीक्षण में कोई खामी न मिले, इसलिए पहले से भर्ती बदायूं के सहसवान के रहने वाले सिद्धार्थ सिंह के बेटे नवाब सिंह को अस्पताल के स्टाफ ने रेफर कर दिया। नवाब सिंह को 9 सितम्बर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ था। र मंत्री के दौरे के ठीक पहले उसे वार्ड से निकाल दिया गया। मजबूर बाप अपने बेटे को पीठ पर लाद कर ही अस्पताल के बाहर चला गया।
फिर किया भर्ती क्योंकि मंत्री को अस्पताल का निरीक्षण करना था, इसलिए तमाम अफसर और मीडियाकर्मी अस्पताल में मौजूद थे। जब मरीज को जबरन बाहर करने की जानकारी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों को मिली तो आनन फानन में अस्पताल के गेट पर स्ट्रेचर लाया गया और उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती किया गया।
काश मंत्री जी देख पाते सच्चाई अस्पताल में मंत्री के दौरे की सूचना पर अफसरों को डर था कि मंत्री के सामने उनकी पोल न खुल जाए इसके लिए अस्पताल की व्यवस्थाएं चाक चौबंद की गई थी। अस्पताल के बाहर लगने वाली दुकानों को ढक दिया गया था और अस्पताल में। साफ सफाई भी की गई थी। लेकिन अस्पताल की इस गलती ने उसकी पोल खोल दी। काश मंत्री जी भी देख पाते कि उनके अस्पताल में किस तरह का व्यवहार मरीजों के साथ किया जाता है।