बरेली

एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग, छिपा लेते हैं असलियत, जाने कमली विनोद की कहानी

बरेली। एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग, उसकी आड़ में अपनी असलियत छिपा लेते हैं। रविवार को श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में दिल्ली के मस्ट एक्ट की ओर से हास्य व्यंग्य नाटक चेहरे का मंचन हुआ। यह नाटक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो इंसानियत का चोला ओढ़कर खुद को बड़े वर्ग में शामिल करने की जद्दोजहद करता है।

बरेलीApr 14, 2024 / 08:41 pm

Avanish Pandey

अर्थी लेकर निकलते हैं गांव के लोग, पहुंचते हैं खंडहर में
अविनाश सिंह निर्देशित नाटक को शंकर शेष ने व्यंगात्मक ढंग से पेश किया है। नाटक एक खंडहर से शुरू होता है। गांव के लोग वहां एक अर्थी लेकर आते हैं जो एक निहायत शरीफ और ईमानदार व्यक्ति भरोसे लाल की है। भरोसे के अंतिम संस्कार के लिए गांव के गणमान्य उपस्थित हैं। उसमें गांव की तरक्की में भरोसे का साथ देने वाली गांव की महिला अध्यापिका कमली, गांव का बुद्धिमान व्यक्ति भवानी, बहुत चिड़चिड़े पंडित, बुजुर्ग परमानंद, गुस्सैल गेंदा सिंह, गांव के मुनीम सुखलाल, युवा नेता और ईमानदार नौजवान रमाकांत भी इन लोगों में शामिल हैं। सबकी अपनी अपनी खूबी है। ये सब बारिश होने की वजह से खंडहर में शरण लिए हुए हैं। बारिश से बचने के लिए एक नौजवान विनोद भी गांव की लड़की कमली को लेकर उस खंडहर में पहुंचता है। दूसरे गांव का ग्रामीण भी बारिश के कारण उस खंडहर में आता है।

कमली को झांसा देकर मुंबई ले जाना चाहता है विनोद

कमली को झाँसा देकर विनोद मुंबई ले जाना चाहता है। सब लोग खंडहर में एक साथ हैं, तभी किसी बात को लेकर आपस में कहासुनी हो जाती है और लोग एक दूसरे को कड़वी बात बोलने लगते है। कुछ लोग मरे हुए व्यक्ति को भी उल्टा सीधा बोलते हैं। अध्यापिका इसका विरोध करती है। झगड़ा बढ़ता देख खंडहर में पंचायत बैठती है। पंचायत में सब लोग एक दूसरे के बारे सच्चाई बोलते हैं। इससे लोगों के चेहरों से नकाब हटने लगता है और सभी की असलियत सामने आ जाती है। नाटक में रोहित राय (परमानन्द), अविनाश तिवारी (पंडित), अविनाश तोमर (सुखलाल), निशांत ठाकुर (गेंदा सिंह), आशुतोष (रमाकांत), राधा भाटी (अध्यापिका), निखिल तिवारी (युवक) और आस्था चावला (कमली) ने अपनी भूमिकाओंको बखूभी निभाया। नाटक में लाइट की जिम्मेदारी रितेश ने, संगीत की नीलमणि, मेकअप की स्नेहा ने जिम्मेदारी संभाली। बैक स्टेज पर विशाल मौजूद रहे। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति, आशा मूर्ति, आदित्य मूर्ति, उषा गुप्ता, सुभाष मेहरा, डा. एमएस बुटोला, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा. अनुज कुमार, डा. रीता शर्मा मौजूद रहे।

Home / Bareilly / एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग, छिपा लेते हैं असलियत, जाने कमली विनोद की कहानी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.