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स्वास्थ्य विभाग छिपा रहा था बीमारी, लखनऊ से आई टीम को मिला प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम

locationबरेलीPublished: Sep 15, 2018 03:50:56 pm

लखनऊ से आई जांच टीम को 650 लोगों में मलेरिया का खतरनाक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम पाया गया।

UP Health Department

स्वास्थ्य विभाग छिपा रहा था बीमारी, लखनऊ से आई टीम को मिला प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम

बरेली। पिछले 20 दिनों में बुखार से हुई 130 से ज्यादा मौतों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने भी मान लिया है कि जिले में मलेरिया ही मौतों की मुख्य वजह है। लखनऊ से आई जांच टीम को 650 लोगों में मलेरिया का खतरनाक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम पाया गया। पिछले 20 सालों में ऐसा खतरनाक मलेरिया पहली बार फैला है। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी तादात में प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के मरीज मिलना देश में किसी एक जिले में सबसे ज्यादा है। स्वास्थ्य विभाग शुरू से ही इस खतरनाक बीमारी को छिपा रहा था लेकिन लखनऊ से आई विशेष सर्विलांस टीम ने पिछले पांच दिनों में जांच की जिसमे 650 मरीज प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम से ग्रसित पाए गए। सर्विलांस टीम के डॉक्टर विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि बरेली के मझगवां ब्लाक में इससे सबसे ज्यादा प्रभावित लोग हैं। यहां पर प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के 200 केस मिले हैं। जबकि रामनगर में 42 और फरीदपुर में दो केस मिले हैं पूरे जिले में 650 केस प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के मिले हैं। इन सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मझगवां में लगातार इसके केस मिल रहे हैं लेकिन अन्य जगहों पर कम हो गए और जिस तरह से काम हो रहा है उम्मीद है कि 10 दिन के भीतर बुखार पर पूरी तरह से नियंत्रण हो जाएगा। जिले में सामान्य मलेरिया के अब तक 951 केस सामने आए हैंं।
फैलती रही बीमारी हाथ पर हाथ रखे बैठा रहा प्रशासन

बुखार के शुरुआती दौर में स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर लापरवाही बरती लेकिन जब बुखार से मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा तो प्रशासन से लेकर सरकार तक में हड़कम्प मच गया। शुरुआती दौर में सीएमओ डॉक्टर विनीत शुक्ला तो बीमारी का नाम भी नही बता पाए बस जांच कर रहे है कह कर अपना पल्ला झाड़ते रहे लेकिन जब स्थिति बिगड़ी तो सरकार ने लखनऊ से टीम भेजी जिसने यहां पर टीम ने रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट से जांच शुरू की।इस किट की मदद से मौके पर ही मलेरिया का प्रकार पता चल जाता है। जिले में 50 हजार किट उपलब्ध कराई गईं है। इन किट को जिले की सभी सरकारी अस्पतालों में भेजा गया है। जिले में इस समय 95 टीम इस बीमारी के रोकथाम के लिए लगाई गई है। साथ ही 12 नोडल अफसर बनाए गए है जिसमें सात राज्य स्तर के डाक्टर और पांच डॉक्टर जिले के शामिल किए गए है।अब तक 6421 लोगों की जांच इस किट से हो चुकी है।
रुक नहीं रहा मौतों का सिलसिला

जिले में लगातार हो रही बुखार से मौत के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भी बरेली का दौरा किया और अफसरों को हालात में सुधार लाने के निर्देश दिए बावजूद इसके जिले में बुखार से मरने वालों की संख्या कम नही हो पा रही है। शुक्रवार को 11 और मरीजों ने दम तोड़ दिया।
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