किराए पर की एम्बुलेंस
रविवार रात आए भयंकर तूफान से बरेली में नौ लोगों की मौत हो गई। जिलाधिकारी ने मरने वालों के शवों को सरकारी शव वाहन से पहुंचाने के आदेश दिए थे। लेकिन बरेली अस्पताल में शव वाहन होने के बावजूद लोगों को काफी तकलीफें उठानी पड़ीं। तूफान में मरने वाले सोनू के शव को पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। सोनू शर्मा रात जब मजदूरी कर साइकिल से लौट रहा था, तभी तूफान आने पर दीवार के नीचे दबकर मौत हो गयी। जवान बेटे की मौत के बाद गरीब पिता मुन्ना लाल को उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। सोनू के पिता मुन्ना लाल की मानें तो पहले शव ले जाने के लिए शव वाहन देने की बात कही गई थी, फिर शव वाहन कहीं और व्यस्त होने की बात कह कर उनसे अपना खुद का वाहन लाने को कहा गया, जिसके बाद गरीब पिता ने 800 रुपए उधार लेकर प्राइवेट एम्बुलेंस बुक की और जवान बेटे के शव को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया।
रविवार रात आए भयंकर तूफान से बरेली में नौ लोगों की मौत हो गई। जिलाधिकारी ने मरने वालों के शवों को सरकारी शव वाहन से पहुंचाने के आदेश दिए थे। लेकिन बरेली अस्पताल में शव वाहन होने के बावजूद लोगों को काफी तकलीफें उठानी पड़ीं। तूफान में मरने वाले सोनू के शव को पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। सोनू शर्मा रात जब मजदूरी कर साइकिल से लौट रहा था, तभी तूफान आने पर दीवार के नीचे दबकर मौत हो गयी। जवान बेटे की मौत के बाद गरीब पिता मुन्ना लाल को उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाने के लिए भी काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। सोनू के पिता मुन्ना लाल की मानें तो पहले शव ले जाने के लिए शव वाहन देने की बात कही गई थी, फिर शव वाहन कहीं और व्यस्त होने की बात कह कर उनसे अपना खुद का वाहन लाने को कहा गया, जिसके बाद गरीब पिता ने 800 रुपए उधार लेकर प्राइवेट एम्बुलेंस बुक की और जवान बेटे के शव को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचाया।
ठेले पर लाया गया शव
तूफान की चपेट में आए लक्ष्मण की एक प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गयी थी जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। लिहाजा शव को ठेले पर रख कर ले जाना पड़ा। मृतक लक्ष्मण के भाई शिव वीर सिंह की मानें तो उन्हें पांच सौ रुपये में ठेले पर रख कर शव को पोस्टमार्टम हाउस लाना पड़ा।
तूफान की चपेट में आए लक्ष्मण की एक प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गयी थी जिसके बाद उसके शव को पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। लिहाजा शव को ठेले पर रख कर ले जाना पड़ा। मृतक लक्ष्मण के भाई शिव वीर सिंह की मानें तो उन्हें पांच सौ रुपये में ठेले पर रख कर शव को पोस्टमार्टम हाउस लाना पड़ा।
नहीं मिला स्ट्रेचर
वहीं सब से शर्मसार करने वाले तस्वीर तब सामने आयी जब शव को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की जगह डंडों पर लाद कर ले जाया जा रहा था। मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आने के बाद हर कोई हैरान है कि पोस्टमार्टम हाउस में किस तरह के कर्मचारी शव को डंडो पर उठा कर ले जा रहे है। शवों की बेकद्री की बात सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
वहीं सब से शर्मसार करने वाले तस्वीर तब सामने आयी जब शव को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की जगह डंडों पर लाद कर ले जाया जा रहा था। मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आने के बाद हर कोई हैरान है कि पोस्टमार्टम हाउस में किस तरह के कर्मचारी शव को डंडो पर उठा कर ले जा रहे है। शवों की बेकद्री की बात सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है।