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पुराने और जाली स्टाम्प से फर्जी रजिस्ट्री कर बेचते थे संपत्तियां, डीएम की जांच में हुआ खुलासा, एसएसपी ने कराई एफआईआर

शहर में जमीन के कागज़ों से खेल करने वाला एक संगठित गिरोह बेनकाब हुआ है। आरोप है कि यह गिरोह पुराने और जाली स्टाम्प पेपरों पर फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर खाली पड़ी या मृतक व्यक्तियों की संपत्तियों को बेच देता था। मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

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बरेली। शहर में जमीन के कागज़ों से खेल करने वाला एक संगठित गिरोह बेनकाब हुआ है। आरोप है कि यह गिरोह पुराने और जाली स्टाम्प पेपरों पर फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर खाली पड़ी या मृतक व्यक्तियों की संपत्तियों को बेच देता था। मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

इज्जतनगर क्षेत्र के गायत्रीपुरी, वीर सावरकर नगर निवासी सुमित सक्सेना ने इस संबंध में एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने एफआईआर के आदेश दिए। जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

पीड़ित सुमित ने बताया कि गिरोह ने उनकी संपत्ति को भी निशाना बनाया और 23 जुलाई 2024 की तारीख का एक फर्जी बैनामा तैयार कराया गया। जब उन्होंने रजिस्ट्री ऑफिस में जांच कराई तो पता चला कि उस रजिस्ट्री का कोई रिकॉर्ड ही नहीं है। शिकायत में कुलदीप सक्सेना पुत्र सुरेशचंद्र सक्सेना, निवासी सिल्वर स्टेट, थाना इज्जतनगर को इस पूरे खेल का मुख्य आरोपी बताया गया है। सुमित का आरोप है कि उसी के माध्यम से यह फर्जी रजिस्ट्री कराई गई थी।

शिकायत के आधार पर डीएम कार्यालय की जांच में यह बात सामने आई कि दस्तावेज पूरी तरह जाली हैं। इससे साफ हुआ कि बरेली में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री का एक नेटवर्क काम कर रहा है, जो धोखाधड़ी कर मोटा पैसा कमा रहा है। पीड़ित सुमित सक्सेना ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि गिरोह में शामिल लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि शहर में जमीन की इस तरह की ठगी पर रोक लग सके।


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