नहीं जला चूल्हा
गांव में एक साथ हुई आठ मौतों के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव वालों के ऊपर गम का पहाड़ इस कदर टूटा है कि किसी के घर में चूल्हा नहीं जला। देर शाम सात शव गांव पहुंचे, सभी शवों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पूरे गांव में मातम पसरा रहा। दर्दनाक घटना के बाद पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है। किसी का बेटा, किसी का पति, किसी का भाई इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठा है।
गांव में एक साथ हुई आठ मौतों के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। गांव वालों के ऊपर गम का पहाड़ इस कदर टूटा है कि किसी के घर में चूल्हा नहीं जला। देर शाम सात शव गांव पहुंचे, सभी शवों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पूरे गांव में मातम पसरा रहा। दर्दनाक घटना के बाद पूरे गांव में कोहराम मचा हुआ है। किसी का बेटा, किसी का पति, किसी का भाई इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठा है।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है और मुआवजे का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता के तौर पर दो -दो लाख रूपये और घायलों को 50-50 हजार के मुआवजे की घोषणा की है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख जताया है और मुआवजे का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता के तौर पर दो -दो लाख रूपये और घायलों को 50-50 हजार के मुआवजे की घोषणा की है।
विधायक और प्रशासनिक अमला पहुंचा गांव
हादसे की सूचना पर नवाबगंज के विधायक केसर सिंह के साथ ही जिलाधिकारी वीरेंद्र सिंह, एसएसपी कलानिधि नैथानी के साथ प्रशासनिक अमला गांव पहुंचा और ग्रामीणों को सांत्वना दी। विधायक और प्रशासनिक अफसरों ने पीड़ितों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया है। वहीं हादसे में जान गंवाने वाले बहेड़ी के लोगों के यहां बहेड़ी विधायक छत्रपाल पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवारों को सहायता राशि के चेक सौंपे।
हादसे की सूचना पर नवाबगंज के विधायक केसर सिंह के साथ ही जिलाधिकारी वीरेंद्र सिंह, एसएसपी कलानिधि नैथानी के साथ प्रशासनिक अमला गांव पहुंचा और ग्रामीणों को सांत्वना दी। विधायक और प्रशासनिक अफसरों ने पीड़ितों को हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया है। वहीं हादसे में जान गंवाने वाले बहेड़ी के लोगों के यहां बहेड़ी विधायक छत्रपाल पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवारों को सहायता राशि के चेक सौंपे।
आठ साल पहले शुरू हुई थी परम्परा
पूर्णागिरि के लिए जत्था जाने की परम्परा आठ साल पहले गांव के ही रामस्वरूप ने शुरू की थी पहली बार सात से आठ लोग पूर्णागिरि दर्शन को गए थे, जिसके बाद साल दर साल लोग इसमें शामिल होते गए और जत्था 250 से 300 लोगों का हो गया।
पूर्णागिरि के लिए जत्था जाने की परम्परा आठ साल पहले गांव के ही रामस्वरूप ने शुरू की थी पहली बार सात से आठ लोग पूर्णागिरि दर्शन को गए थे, जिसके बाद साल दर साल लोग इसमें शामिल होते गए और जत्था 250 से 300 लोगों का हो गया।
डम्पर से कुचल कर हुई मौत
पूर्णागिरि दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं के जत्थे को शुक्रवार सुबह डम्पर ने कुचल दिया था जिसके कारण नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि दो लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस हादसे में 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिनमें नौ की हालत गंभीर बनी हुई है।
पूर्णागिरि दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं के जत्थे को शुक्रवार सुबह डम्पर ने कुचल दिया था जिसके कारण नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि दो लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस हादसे में 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए जिनमें नौ की हालत गंभीर बनी हुई है।