बढ़ रहा पानी रामगंगा नदी में 163 मीटर पर खतरे का निशान है और इस समय रामगंगा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। जिले में 2010 और 2012 में रामगंगा में बढ़े जलस्तर ने जमकर तबाही मचाई थी। फरीदपुर, आंवला और मीरगंज तहसील के कई गांवों में स्थिति काफी भयावाह हो गई थी। शहर में भी रामगंगा का पानी घुस गया था। बदायूं की ओर जाने वाले लोगों केा खासा परेशानी उठानी पड़ी थी। अब बारिश ने पूरे देश में तबाही मचा रखी है। इसका असर बरेली में देखने को मिल रहा है। रामगंगा समेत सभी नदियां उफनाने लगी हैं। इससे बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। बारिश और नदियों के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित 300 गांवों 48 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है।
इतने गांवों में अधिक खतरा सदर तहसील के 73 संवेदनशील और 13 अतिसंवेदनशील, बहेड़ी तहसील के 76 संवेदनशील और 14 अतिसंवेदनशील, आंवला तहसील के आठ संवेदनशील , नवाबगंज तहसील के 46 संवेदनशील और 16 अतिसंवेदनशील , फरीदपुर तहसील के 54 संवेदनशील और 27 अतिसंवेदनशील और मीरगंज तहसील के 115 संवेदनशील और 22 अतिसंवेदनशील गांवों में बाढ़ की संभावना बढ़ गई है। इनमें कुछ गांवों में रामगंगा समेत अन्य नदियों का पानी घुसने लगा है।
हेल्पलाइन नंबर जारी बाढ़ की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम बनाया है जिसमे हेल्पलाइन नंबर 0581- 2457150 जारी किया गया है। इस नंबर पर फोन कर बाढ़ के संबंध में सूचनाएं दी जा सकेंगी। इस कंट्रोल रूम में आठ आठ घंटे की तीन शिफ्ट में कर्मचारी तैनात किए गए है।