मेयर को लेकर मची खींचतान भाजपा में सबसे ज्यादा घमासान मेयर पद के प्रत्याशी को लेकर है। मेयर पद के लिए बीजेपी से 37 दावेदारों ने ताल ठोकी है जिनमें से पांच नाम फाइनल किए गए हैं जिसमें उमेश गौतम का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है। उमेश गौतम ने लोकसभा चुनाव बसपा से लड़ा था बाद में वो बीजेपी में शामिल हो गए उमेश गौतम पार्टी के कई बड़े नेताओं की भी पसंद हैं जबकि स्थानीय नेता किसी कैडर के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं जिसके कारण पार्टी में जमकर घमासान मचा हुआ है और मेयर का टिकट फाइनल न होने की वजह से अन्य टिकटों की भी घोषणा नहीं हो पा रही है।
टिकट के दावेदार परेशान बरेली में नामांकन प्रक्रिया भी चार नवंबर से शुरू हो चुकी है जो कि 10 नवंबर तक चलेगी लेकिन अभी तक किसी भी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है ऐसे में मेयर के अलावा पार्षद, नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और सदस्य पद की दावेदारी करने वाले नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है और वो चुनाव प्रचार भी नहीं कर पा रहे हैं। बरेली में बीजेपी को छोड़ कर सभी प्रमुख दलों ने अपने अपने मेयर प्रत्याशी की घोषणा कर दी है और दूसरे दलों ने माहौल भी बनाना शुरू कर दिया है लेकिन भाजपा के नेता अभी टिकट को लेकर ही परेशान हैं।
नेताओं की शरण में प्रत्याशी टिकट के जुगाड़ के लिए सभी नेता अपने अपने आकाओं की परिक्रमा में जुटे हुए हैं कि किसी तरह से उनको चुनाव लड़ने का मौका मिल सके। टिकट के दावेदार सब काम छोड़ कर अपने अपने नेताओं को साधने में लगे हुए हैं।
अन्य दलों के ये हैं प्रत्याशी बीजेपी के अलावा सभी प्रमुख दलों ने अपना मेयर पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने दो बार मेयर रह चुके डॉक्टर आईएस तोमर पर दांव लगाया है तो बसपा ने युसूफ जरीवाला को चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस पार्टी ने पुराने कांग्रेसी नेता अजय शुक्ला पर भरोसा जताया है तो आम आदमी पार्टी ने इंजीनियर नवनीत अग्रवाल को मेयर पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा है।