हत्या के मुकदमे में जमा हुई थी रायफल फरीदपुर के मोहल्ला मिर्धान के रहने वाले विमल कुमार के पिता नरेश पाल के नाम पर लाइसेंसी रायफल थी। हत्या के एक मामले में 2009 में नरेश पाल की रायफल को थाने में जमा किया गया था। नरेश पाल की 2015 में मौत हो गई। हत्या का मुकदमा कोर्ट में चल रहा था। 2016 में कोर्ट ने नरेशपाल पक्ष को दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद नरेश पाल के बेटे विमल ने शस्त्र लाइसेंस बनवाया और डीएम के आदेश पर पिता की रायफल विरासत में अपने नाम करा ली। फरवरी 2019 में वो डीएम का रिलीज ऑर्डर लेकर थाने पहुँचे और रायफल मांगी लेकिन थाने के स्टाफ ने जब मालखाने को चेक किया तो रायफल गायब मिली। इसके अलावा मालखाने से 24 अन्य माल भी नहीं थे उसमे असलहे थे या और कुछ सामान ये स्पष्ट नहीं हो पाया है।
चक्कर कटवा रही पुलिस विमल ने फरवरी में रायफल का रिलीज आर्डर बनवाया था तब से वो रायफल के लिए थाने के चक्कर काट रहा है। इस मामले में डीआईजी ने जांच के आदेश दिए हैं। इसमें लापरवाही करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।