पीपीपी मॉडल के तहत संचालित होंगे स्कूल सैनिक स्कूलों की स्थापना के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत कार्य किया जाएगा। पहले से संचालित विद्यालयों को चिन्हित कर उन्हें सैनिक स्कूल की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने कहा है कि सरकारी, अशासकीय सहायता प्राप्त, अथवा निजी एनजीओ द्वारा संचालित स्कूलों को पीपीपी मॉडल के तहत सैनिक स्कूल में बदला जाएगा।
सैनिक स्कूल सोसायटी से पंजीकरण अनिवार्य विद्यालयों को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने के लिए सैनिक स्कूल सोसायटी और रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। सभी मानकों का पालन करते हुए सैनिक स्कूल सोसायटी से अनुमोदन लेना जरूरी होगा। अनुमोदन मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
देश में 33 सैनिक स्कूल मौजूद वर्तमान में देशभर में कुल 33 सैनिक स्कूल संचालित हैं। इन स्कूलों में प्रवेश के लिए कक्षा 6 और कक्षा 9 के लिए प्रवेश परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा का नाम ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (AISSEE) है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाता है। हर साल लाखों छात्र इस प्रवेश परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन कुछ हजार सीटों पर ही चयन होता है। सैनिक स्कूल अपने कड़े अनुशासन और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए प्रसिद्ध हैं, जो छात्रों को नैतिक मूल्य, जिम्मेदारी, और जरूरी कौशल प्रदान करती है, ताकि वे समाज में अपनी पहचान बना सकें।
डिफेंस सर्विसेज की तैयारी में मदद सैनिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के लिए रक्षा सेवाओं में करियर बनाना आसान हो जाता है। यहां की कठोर ट्रेनिंग और सैन्य माहौल का अनुभव उन्हें रक्षा सेवा प्रवेश परीक्षाओं में सफल होने में मदद करता है। यह स्कूल उन बच्चों के लिए सबसे अच्छा विकल्प है, जो भारतीय सेना, नौसेना, या वायुसेना में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
इन जिलों में खुलेंगे सैनिक स्कूल बरेली के अलावा प्रदेश के अन्य 15 जिलों में भी सैनिक स्कूल खोलने के लिए स्वीकृति दी गई है। इनमें प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, बस्ती, मुरादाबाद, बांदा, झांसी, गोंडा, अयोध्या, मेरठ, सहारनपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, और आजमगढ़ शामिल हैं।