शहजिल इस्लाम के खिलाफ उनके ड्राइवर रहे धर्मेंद्र ने एफआईआर दर्ज कराई थी। धर्मेंद्र का आरोप था कि 27 अक्टूबर 2023 को वह लखनऊ से आ रहे शहजिल इस्लाम को लेने बरेली जंक्शन गए थे। ट्रेन लेट होने के कारण पूरी रात कार में बैठे रहे। सुबह ट्रेन से आए शहजिल ने गाड़ी साफ न होने की बात कहकर उनसे गालीगलौज की। इसके बाद गाड़ी के अंदर बैठकर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उनके साथ मारपीट भी की। इसके बाद उनसे चाबी छीनकर खुद गाड़ी लेकर स्टेशन से निकल गये।
बरेली जंक्शन के थाना जीआरपी में 29 अक्टूबर 2023 को एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज होने के बाद जीआरपी मुरादाबाद के सीओ देवीदयाल ने जांच शुरू की लेकिन सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए जांच रिपोर्ट में मारपीट की घटना होने से मना कर दिया। इस पर ड्राइवर धर्मेंद्र ने लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री से किसी और अधिकारी से जांच कराने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसपी जीआरपी ने सीओ गाजियाबाद को जांच सौंपी थी।
गाजियाबाद से आई टीम ने शनिवार को बयान दर्ज कराने के लिए दोनों पक्षों को बुलाया था। पीड़ित ड्राइवर धर्मेंद ने बताया कि उन्होंने घटना के संबंध में बयान दर्ज कराए हैं लेकिन शहजिल इस्लाम ने खुद आने के बजाय अपने गनर को थाने भेज दिया। जांच टीम की ओर से शहजिल इस्लाम को फोन भी किया गया लेकिन उन्होंने फोन भी नहीं उठाया। आशुतोष शुक्ला, एसपी जीआरपी मुरादाबाद ने बताया कि पीड़ित ड्राइवर की मांग पर जांच अधिकारी को बदला गया है। अब सीओ जीआरपी गाजियाबाद मामले की जांच कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।