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शनैश्चरी अमावस्या: जानिए पूजन विधि और क्या होगा आपकी राशि पर असर

locationबरेलीPublished: May 03, 2019 02:46:38 pm

Submitted by:

jitendra verma

इस बार इस अमावस्या का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस वर्ष के राजा भी शनि है।

shani amavasya know pooja time and vidhi in hindi

शनैश्चरी अमावस्या: जानिए पूजन विधि और क्या होगा आपकी राशि पर असर

बरेली। शनैश्चरी अमावस्या पर आयुष्मान योग में पूजा का विशेष फल मिलेगा। इस वर्ष 04 मई को शनैश्चरी अमावस्या विशेष है क्योकि इस दिन आश्विनी नक्षत्र अपरानह 03ः47 बजे तक रहेगा,आयुष्मान योग पूरे दिन रहेगा। इस शनिवार के दिन आश्विनी नक्षत्र एवं आयुष्मान योग होने के कारण सोम योग का बनना भी अतिशुभ रहेगा। बालाजी ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य पंडित राजीव शर्मा के अनुसार शनिदेव जी का जन्म शनिवार को अमावस्या तिथि में हुआ था, इसलिए भी शनिवारी अमावस्या का विशेष महत्व है। अमावस्या तिथि कार्य सिद्ध करने वाली मानी जाती है। इस बार इस अमावस्या का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस वर्ष के राजा भी शनि है। गोचर ग्रहो के अनुसार इस दिन धनु राशि में शनि के साथ केतु का विशेष योग बन रहा है।
पूजा का समय और विधि

पूजा का समय प्रातः 08ः32 बजे से 09ः40 बजे तक शुभ के चैघड़िया मुहुर्त में अपरान्ह 12ः24 बजे से सांय 04ः17 बजे तक चर, लाभ, अमृत के चैघड़िया मुहुर्त में एवं सांय काल 05ः35 बजे से रात्रि 07ः17 बजे तक लाभ के चैघड़िया मुहुर्त में।
शनिअमावस्या के दिन स्नान आदि के बाद ’’हरड़’’ का तेल शरीर पर लगाये, पश्चिम दिशा की ओर एक चैकी रख कर उस पर काला वस्त्र बिछायें, श्याम रंग के नीले, लाजवंती के पुष्प बिछायें तथा पीपल के पत्ते पर शनि यन्त्र स्थापित करें, सरसों के तेल का दीपक, धूप जलायें, नैवद्य चढ़ाने के लिए काले उड़द का हलवा, काले तिल से बने लड्डू अक्षत, बेल पत्र, काले रंग के फूल आदि रखें, चैकी के चारों ओर तिल के तेल से भरी कटोरियां रखें इसमें काले तिल के दाने, एक सिक्का, एक पंचमुखी रूद्राक्ष डालें शनि के मन्त्रों का जाप, साधना आदि करने के उपरान्त 07 अथवा 11 शनिवार को इन कटोरियों में अपने चेहरे की छाया देखने के बाद शनिदेव जी का स्मरण के साथ शनि का दान लेने वालों को दे दें। इस प्रकार पूजा अर्चना करने से दुर्घटना, गंभीर रोग, अकाल, मृत्यु, शास्त्राघात से शनिदेव जी मुक्त रखते हैं।
धनु राशि में शनि के भ्रमण के समय निम्न राशियों पर ये प्रभाव रहेगा।


1. मेषः- नवाँ शनि पुरानी कष्टकारी स्थितियों को दूर करेगा। दूर स्थान की यात्रा तथा आध्यात्मिक प्रवृत्ति बनेगी।


2.. वृषः- शनि की ढ़ैया का प्रभाव रहेगा, आठवाँ शनि कष्टकारी रहेगा। विघ्न बाधा बनी रहेगी। देरी से सफलता मिलेगी।

3. मिथुनः- लेन-देन में गुप्त शत्रुओं से सावधान रहें, दूसरों से मधुर संबन्ध बनाने में सफलता एवं मान-सम्मान मिलेगा।


4. कर्कः- मनोरंजन एवं सृजनात्मक कार्याें में सफलता मिलने के योग हैं। प्रेम के मामलों मेें सफलता मिलने के योग हैं।

5. सिंहः- शनि की ढै़या से मुक्ति मिलेगी, जमीन-जायदाद सम्बन्धी विवाद से बचें।


6. कन्याः- शनि की ढैया के प्रभाव में आयेंगे, पारिवारिक सुख प्राप्त होगा, सामाजिक कार्याे में भागीदारी बढ़ेगी। आर्थिक मामलों में छोटी यात्राओं से लाभ होगा।

7. तुलाः- जमीन-जायदाद के मामलों में सफलता मिलेगी, आर्थिक मामलों में स्थिति मजबूत बनने के योग हैं।


8. वृश्चिकः- शनि की साढ़े साती के प्रभाव में रहेंगे। दृढ़ इच्छा शक्ति से सफलता मिलने के योग हैं।

9. धनुः- शनि की मध्य साढ़े साती के प्रभाव में रहेंगे। दृढ़ता से काम लेकर सफलता प्राप्ती के योग हैं।


10. मकरः- साढ़े साती का प्रथम चरण आरम्भ होगा, कार्याें में विलम्ब होंगे, बिगड़े हुये सम्बन्ध बनाने व बढ़ाने पर ध्यान दें।

11. कुंभः- व्यवसाय अथवा नौकरी में बदलाव होने की सम्भावना रहेगी। कार्याें में अच्छी शुरूआत के योग हैं।


12. मीनः- उन्नति के अच्छे योग बनेगें, यात्रा आदि से लाभ होगा। विदेश से सम्बन्ध बनने के योग हैं।

उपायः- शनि दोषकृत पीड़ा निवारणार्थ जिन राशि वालों को साढ़े साती या ढैया का प्रकोप हो उनको शनि दोष कृत पीड़ा निवारणार्थ- काला वस्त्र, उड़द, काला पुष्प, लोहा आदि दान करते रहना चाहिए। विशेष विषम परिस्थितियों में सविधि ग्रह शान्ति कराये।
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