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सड़क दुर्घटना में उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री के बेटे समेत 2 की मौत सांप करते हैं रखवाली शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर भोजीपुरा इलाके का गाँव अधकटा ब्रह्मनान मिश्रित आबादी वाला गांव है लेकिन यहाँ पर करीब 250 घर नाथ जाति के लोगों के भी है। इन लोगों के घरों में दरवाजे नहीं है बताते है कि इन घरों की रक्षा स्वयं नागदेवता करते हैं। इन घरों में सांप घर के सदस्यों की तरह ही रहते है। रात में ये लोग साँपों को खुला छोड़ देते हैं और सांप ही इनके घरों की रक्षा करते हैं। घर के लोगों की गंध सांप जानते है अगर बाहर का कोई भी घर में प्रवेश की कोशिश करता है तो सांप फुफकार मार कर एलर्ट कर देते हैं। इन परिवार के लोगों का साँपों से गहरा लगाव रहता है जो इन्हे विरासत में मिला है।
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फरहत नकवी और वसीम रिजवी का विवाद और बढ़ा, सीएम दरबार में पहुँचा मामला सर्पों से तुरंत हो जाती है दोस्ती गाँव के रहने वाले राजू और तेजवीर ने बताया कि साँपों की तमाम प्रजाति पाई जाती है जिसमे से करीब 68 ही विषैली प्रजाति के होते हैं। उन्होंने बताया कि साँपों से दोस्ती करना उन्हें विरासत में मिला है। सांप भी इंसानों की भाषा को समझते है। जब नाग अपना फन फैलाता है तो ये लोग उँगलियों के इशारे पर ही उसे काबू में करते हैं। ये लोग गाँव और आस पास के क्षेत्र में कहीं भी सांप निकलने की सूचना तुरंत पहुंचते हैं और सांप को पकड़ कर अपने घर ले आते हैं और एक दो माह सांप की पूजा करते हैं जिसके बाद सांप इनके परिवार के सदस्य की तरह ही हो जाता है और परिवार के लोगों की आहट भी पहचानने लगता है। गाँव में मौजूद नाथ परिवारों में शायद ही कोई ऐसा परिवार हो जिसके यहाँ पर दो-चार सांप न हो।
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तंत्र मंत्र के चक्कर में चार साल के मासूम की हत्या! दूर दूर से आते हैं लोग गाँव में एक मंदिर भी बना है जिसके गुंबद पर भी नागदेवता विराजमान है। नागपंचमी पर यहाँ पर दूर दूर से लोग साँपों को दूध पिलाने आते हैं। अगर किसी को सांप और बिच्छू काट ले तो इस गाँव के लोग तुरंत उसका उपचार कर उसे ठीक कर देते हैं।