2011 से की शुरुआत
पंडित सुशील पाठक ने बताया कि उन्होंने पहली बार 2011 पांच निर्धन कन्याओं का विवाह कराया था। जिसके बाद से अब तक लगातार वो हर साल गरीब लड़कियों का विवाह कराते चले आ रहे है। इस संस्था ने 2012 में 11, 2013 में 14, 2014 में 21, 2015 में 21, 2016 में 51 जबकि 2017 में 36 निर्धन कन्याओं का विवाह कराएं।
एक साथ निकलती हैं बारात
सामूहिक विवाह समारोह में जितने भी जोड़ों की शादी होती है, उसमें सभी दूल्हे एक साथ घोड़ी चढ़कर समारोह स्थल पर पहुंचते है। जहां पर विवाह की सारी रस्म अदा की जाती है और लड़कियों को जरूरत का घरेलू सामान देकर विदा किया जाता है ।
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ऐसे आया समाज सेवा का विचार
पंडित सुशील पाठक ने बताया कि गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह करने का विचार उनके मन में 2011 में आया। उनका कहना है कि वो पहले साईं संध्या का आयोजन करते थे और उसमें लाखों रुपये खर्च होते थे। जिसके बाद उन्होंने इन्हीं रुपयों से गरीब कन्याओं के विवाह कराना शुरू किया ।
ऐसे आया समाज सेवा का विचार
पंडित सुशील पाठक ने बताया कि गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह करने का विचार उनके मन में 2011 में आया। उनका कहना है कि वो पहले साईं संध्या का आयोजन करते थे और उसमें लाखों रुपये खर्च होते थे। जिसके बाद उन्होंने इन्हीं रुपयों से गरीब कन्याओं के विवाह कराना शुरू किया ।
इस साल 101 कन्याओं की होगी शादी
श्री शिरडी साईं सेवा ट्रस्ट अब तक 150 से ज्यादा निर्धन लड़कियों का विवाह करा चुका है। ट्रस्ट ने इस साल नवंबर में होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 101 कन्याओं का एक साथ विवाह कराने का लक्ष्य रखा गया है ।