केंद्र से माँगा जवाब याचिका में कहा गया है कि मरीजों को यहाँ पर जंजीर से जकड़ कर रखा जाता है और उनका इलाज नहीं किया जाता है। वकील ने याचिका के साथ मरीजों के फोटो भी अदालत को दिए है। जिस पर जस्टिस एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मरीजों की हालत देख कर अफ़सोस जताया है और केंद्र सरकार से कहा है कि इस बारे में शुक्रवार को ही जवाब दिया जाए।
बरेली में भी होता है इलाज बदायूं की तरह ही बरेली में भी एक धार्मिक स्थल पर बड़ी तादात में मानसिक रोगी इलाज के लिए पहुंचते है। यहाँ पर भूतों की अदालत लगती है। अगर किसी पर भूत प्रेत का साया है तो वो ठीक होने के लिए धार्मिक स्थल पर आता है। यहाँ आने वाले मरीजों में से कुछ मरीजों को जंजीर में बाँध कर भी रखा जाता है।